अब सोना-चांदी बेचने के लिए ज्वैलर्स को होगी हॉलमार्क की जरूरत

अब सोना-चांदी बेचने के लिए ज्वैलर्स को होगी हॉलमार्क की जरूरत

केंद्र सरकार सोने-चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्क अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि इसके लिए सभी बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने यह बात राजधानी में अंतरराष्ट्रीय मानक और चौथी औद्योगिक क्रांति विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। सोने-चांदी के आभूषणों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य करने के बाद देश में ज्वैलर्स को हॉलमार्क आभूषण बेचना अनिवार्य होगा। हॉलमार्किंग आभूषण बेचने के लिए ज्वैलर्स को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) में भी अपना पंजीकरण कराना होगा। ताकि, बीआईएस सोने और चांदी के बने हॉलमार्क आभूषणों की समय-समय पर गुणवत्ता की जांच कर सकें।

ज्वैलर्स का पंजीकरण जरूरी

हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद सभी ज्वैलर्स को बीआईएस में पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके लिए पैन कार्ड, जीएसटी नंबर, दुकान के पते का प्रमाण और दूसरे जरूरी दस्तावेज देने होंगे। अभी हॉलमार्किग अनिवार्य नहीं है, लेकिन करीब 50 हजार ज्वैलर्स ने बीआईएस में अपना पंजीकरण करा रखा है। अभी ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क के आभूषण बेच रहे हैं।
जांच के लिए सात सौ लैब
भारतीय मानक ब्यूरो का कहना है कि हॉलमार्किंग आभूषणों की जांच के लिए देशभर में करीब सात सौ लैब हैं। पिछले एक वर्ष में लैब की संख्या में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। नई योजना के ऐलान पर देश में कुछ और लैब बनाई जाएंगी।

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