सबरीमाला मंदिर जाने के लिए शुक्रवार तड़के केरल के कोच्चि पहुंचीं महिला कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को हवाई अड्डे पर भारी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। गुस्से में प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक दिया। वहीं, निलक्कल, पांबा और सन्नीधनम में धारा 144 को लागू कर दिया गया है।
पुणे से सुबह पांच बजे इंडिगो फ्लाइट से पहुंची देसाई को एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से कहा कि वे देसाई को वहां से लेकर जाएं नहीं तो पूरे इलाके में तनाव बढ़ जाएगा। हालांकि, पुलिस ने देसाई को एक होटल में शिफ्ट करने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उसे एयरपोर्ट से बाहर निकालने से इनकार करते हुए उसे वापस जाने को कहा।
आज शाम तीसरी बार खुलेगा सबरीमाला मंदिर
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मंदिर शुक्रवार शाम को तीसरी बार खुलेगा। शीर्ष अदालत ने 28 सितंबर के अपने आदेश में भगवान अयप्पा मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी लेकिन अभी तक कोई महिला दर्शन नहीं कर सकी। हवाई अड्डे पर प्रदर्शन कर रहे स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि श्रद्धालु देसाई और उनके साथ आए दल को हवाई अड्डे से बाहर निकलकर सबरीमला मंदिर नहीं जाने देंगे। देसाई के साथ कथित तौर पर उनके छह साथी भी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि देसाई और उनकी टीम यहां दशकों से चल रही मंदिर की परंपरा का उल्लंघन करने आई हैं। उन्होंने कहा, ”वह यहां दर्शन करने नहीं बल्कि शनिवार से शुरू हो रही शांतिपूर्ण सबरीमला तीर्थयात्रा में बाधा डालने आई हैं।
महिलाओं और भाजपा कार्यकर्ताओं समेत अयप्पा श्रद्धालु बड़ी संख्या में हवाई अड्डे के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने अयप्पा के मंत्रोच्चार के साथ प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी हालात को नियंत्रण में करने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने देसाई और प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा की लेकिन दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहे।
फोन पर मीडिया से बातचीत में देसाई ने कहा कि वह भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन के बिना महाराष्ट्र वापस नहीं जाएंगी। स्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी हवाई अड्डे के घरेलू टर्मिनल पर मौजूद रहे । भगवान अयप्पा मंदिर शनिवार को दो महीने तक चलने वाली पूजा के लिए फिर से खुलेगा।
शनि शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह, महालक्ष्मी मंदिर और त्र्यम्बकेश्वर शिव मंदिर समेत कई धार्मिक सथानों पर महिलाओं को प्रवेश देने के अभियान का नेतृत्व करने वाली देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को ई-मेल लिखकर सुरक्षा मांगी थी क्योंकि उन्हें मंदिर जाने के दौरान हमले का डर था।
देसाई ने कहा, ”हम सबरीमला मंदिर में दर्शन किये बिना महाराष्ट्र नहीं लौटेंगे। हमें सरकार पर भरोसा है कि वह हमें सुरक्षा मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा, ”यह राज्य सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी है कि सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हमें मंदिर ले जाया जाए क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी है।