दुमका कोषागार केस में लालू दोषी, जगन्नाथ बरी, सजा पर 21 मार्च से सुनवाई

दुमका कोषागार केस में लालू दोषी, जगन्नाथ बरी, सजा पर 21 मार्च से सुनवाई

चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। जबकि पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र को बरी कर दिया गया है। रांची स्थित सीबीआई कोर्ट ने तत्कालीन आईटी कमिश्नर अधीन चंद्र चौधरी और तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्‍यक्ष ध्रुव भगत को भी निर्दोष करार दिया है।

कोर्ट ने लालू के कोर्ट पहुंचने से पहले ही अपना फैसला सुना दिया। लालू अस्पताल से अदालत पहुंच रहे थे। इस फैसले के साथ चारा घोटाले के कुल छह मामलों में से चार में लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं।

कोर्ट ने अरुण कुमार सिंह, अजीत शर्मा, केके प्रसाद, मनोरंजन प्रसाद समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं 12 आरोपियों को बरी किया है। दोषियों की सजा पर 21 मार्च से 23 मार्च तक सुनवाई होगी। बेक जूलियस, जगदीश शर्मा, फूलचंद, आरके राणा और महेश प्रसाद को भी रिहा गया कर दिया गया है।

फैसले के बाद आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘अजब है नरेन्द्र मोदी और नीतीश का मेल, अजब है खेल, दोबारा से हो गया जगन्नाथ मिश्र रिहा और लालू यादव को जेल। एक आदमी को जेल, एक आदमी को बेल।”

चारा घोटाले के दुमका कोषागार से तीन करोड़ तेरह लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में सीबीआई की शिवपाल सिंह की विशेष अदालत ने ये फैसला सुनाया। लालू फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।

पहले मामले में 15 मार्च को फैसले की तिथि तय की गई थी। बता दें कि लालू प्रसाद समेत 30 आरोपी देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में दोषी करार दिया गया था। इस मामले में 23 दिसंबर 2017 से लालू समेत अन्य आरोपी जेल में सजा काट रहे हैं।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के आवेदन को स्वीकार करते हुए तत्कालीन महालेखाकार पीके मुखोपाध्याय, डिप्टी एजी बीएन झा और सीनियर अकाउंट ऑफिसर प्रमोद कुमार को आरोपी बनाया है। अदालत ने तीनों को सीआरपीसी की धारा 319 के तहत आरोपी बनाया है। अदालत ने आवेदक को अभियोजन स्वीकृति आदेश प्राप्त कर कोर्ट में सौंपने का आदेश दिया है। कहा है कि मुकदमा चलाने के लिए एक माह के भीतर संबंधित सह सक्षम अधिकारी से अभियोजन स्वीकृति आदेश प्राप्त करें। इस आदेश को 16 अप्रैल को कोर्ट में जमा करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। अदालत ने आदेश में कहा है कि दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी से जुड़े मामले में तीनों की संलिप्तता पायी गई है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने फैसले की तिथि बढ़ाने एवं तत्कालीन एजी समेत तीन को आरोपी बनाने का अनुरोध किया था। लालू की ओर से सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में इस संबंध में आवेदन दिया गया था। आवेदन में कहा गया है कि 1991 से 95-96 तक एजी की रिपोर्ट में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि पशुपालन विभाग में अत्याधिक व अवैध निकासी की गई है। केस के आईओ एके झा ने भी अपनी गवाही में एजी की संलिप्तता की जांच नहीं करने की बात कही है।

लालू प्रसाद के आवेदन में यह भी कहा है कि घोटाला का मुख्य आरोपी स्व. एसबी सिन्हा ने खुलासा किया था कि मामला को मैनेज करने के लिए वे एजी के किसी पदाधिकारी को पैसा भेजवाते थे। आवेदन में सीबीआई की डीएसपी जोन की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। डीएसपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना किसी विभाग के साठ-गांठ के चारा घोटाला इतने लंबे समय तक नहीं चल सकता था। लालू ने उस समय के एडिशनल फाइनांस कमिश्नर के उस रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें उन्होंने एजी के एक वरीय अधिकारी का जिक्र किया है, जो उन्हें धमकी देकर इस मामले से दूर रहने को कहा था।

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