कांग्रेस की BJP की इन 30 सीटों पर हैं खास नजर

कांग्रेस की BJP की इन 30 सीटों पर हैं खास नजर

मेभाजपा और कांग्रेस की नजरें कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर टिकी हैं। भाजपा और कांग्रेस इन सीटों पर खासा ध्यान दे रहीं हैं। इसके साथ ही बीजेपी के पास ऐसी 30 सीटें हैं, जिसपर कांग्रेस को पिछले चुनाव में महज 2500 वोटों से भी कम अंतर से हार मिली थी। वहीं, कांग्रेस भ्रष्टाचार, बेरोजारी और किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने के साथ चुनावी रणनीति को भी अमलीजामा पहनाने में जुटी है। दरअसल, मध्य प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस के वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई है, पर उसकी सीट की संख्या घटी हैं। वहीं भाजपा के वोट प्रतिशत में वृद्धि के साथ सीटों में भी बढ़ोतरी हुई।

वोट प्रतिशत बढ़ा, सीटें घटी

– 4 फीसदी वोट बढ़े हैं कांग्रेस के पिछले 10 वर्षों के दौरान

– सीटें ही जीत पाई कांग्रेस 2013 में वोट में वृद्धि के बावजूद

– 71 सीटें जीतीं थी कांग्रेस ने 2008 के विधानसभा चुनाव में

30 उम्मीदवार 2500 से कम अंतर से हारे

कांग्रेस के करीब 30 उम्मीदवार ढाई हजार से कम अंतर पर भाजपा प्रत्याशियों से हारे थे। इसलिए, पार्टी ने टिकट बंटवारे में इन सीट पर जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा है।

11 सीट एक हजार से कम अंतर से हारी कांग्रेस

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम उन सीट पर खास ध्यान दे रहे हैं, जहां एक हजार से कम वोट पर हार जीत का फैसला हुआ था। उनके मुताबिक, कांग्रेस 11 सीट पर एक हजार से कम अंतर से हारी थी।

वोट प्रतिशत के साथ सीट बढ़ी

165 सीट जीती 2013 में करीब 45 फीसदी वोट के साथ
– 143 सीट जीती थी 2008 में करीब 38 प्रतिशत वोट के साथ
– 10 वर्षों में भाजपा अपने वोट प्रतिशत के साथ सीट भी बढ़ाई हैं

छह उम्मीदवार एक हजार से कम अंतर से हारे

2013 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार करीब छह सीटों पर एक हजार से कम अंतर के वोटों से हारे थे। पार्टी इस बार उन सीटों पर खासा ध्यान दे रही हैं जहां हार का अंतर पांच हजार से कम था।

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