सऊदी अरब के दूतावास में वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले से जुड़ा एक सच सामने आया है। दूतावास में एक महीने पहले पत्रकार को मारने के बाद उनके शव को गायब कर दिया गया था। यह बातें तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सलाहकार ने शुक्रवार को बताईं। तुर्की के अधिकारी ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि अधिकारी इस थ्योरी पर काम कर रहे हैं कि शव को एसिड में डालकर डिसॉल्व (खत्म) कर दिया गया है।
के सलाहकार यासिन एकते ने कहा, ‘हमें यह पता चला है कि उन्होंने शव के केवल टुकड़े-टुकड़े नहीं किए थे बल्कि एसिड में डालकर शव को खत्म कर दिया था। हमें मिली लेटेस्ट जानकारी के अनुसार उन्होंने शव के टुकड़े इसलिए किए थे ताकि उसे डिसॉल्व करने में आसानी हो।’ पत्रकार की मौत पर सऊदी अरब को अतंरराष्ट्रीय दवाब का सामना करना पड़ रहा है। खशोगी को इसलिए मारा गया क्योंकि वह सत्ता के खिलाफ हो गए थे।
तुर्की के प्रमुख अभियोजक ने बुधवार को पहली बार इस बात की पुष्टि की थी कि दूतावास में प्रवेश करते ही खशोगी की 2 अक्तूबर को गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद उनके शव के टुकड़े किए गए और उसे डिसॉल्व कर दिया गया। पूरी योजना के तहत इस काम को अंजाम दिया गया। अखते ने कहा, ‘उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि शरीर का कोई भी निशान बच न जाए। ऐसा अभियोजक के बयान से स्पष्ट है।’
जमाल खशोगी के करीबी और तुर्की अधिकारी कहा, ‘किसी निर्दोष शख्स को मारना पहला गुनाह है। शव के साथ जिस तरह का कार्य किया गया वह दूसरा गुनाह और अपमान है। अधिकारी का कहना है कि सऊदी दूतावास के बाग में एक बायोलॉजिकल सबूत मिला है। माना जा रहा है कि खशोगी को जहां मारा गया था उसके आस-पास ही उनके शव को डिसॉल्व किया गया। खशोगी के शव को दफनाया जाना जरूरी नहीं था।’