मंडला में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा, नहीं है कोई उद्योग-धंधा

मंडला में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा, नहीं है कोई उद्योग-धंधा

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। अमर उजाला आपको बता रहा है मध्यप्रदेश के जमीनी हालात और उन विषयों के बारे में जो इस बार चुनावी मुद्दे हैं। इसी के मद्देनजर अमर उजाला का चुनाव रथ पहुंचा मंडला। संवाददाता वैभव कुमार ने आम जनता और सियासी दलों से बात करके यहां मूड जानने की कोशिश की।

उन्होंने जाना कि आखिर जनता क्या चाहती है? उनके चुने हुए नेता उनकी उम्मीदों पर कितने खरे उतरे हैं? साथ ही यह भी जाना की जनता इस बार के चुनाव में किसे मौका देने का मन रखती है। टी वैली प्रायोजित अमर उजाला के खास लाइव कार्यक्रम सत्ता के सेमीफाइनल में जानिए कि मंडला इस बार किन मुद्दों पर वोट करने वाला है।
मंडला की जनता कई मुद्दों पर व्यवस्था से संतुष्ट नजर आई। लेकिन युवाओं का कहना है कि यहां बहुत बेरोजगारी है। पढ़ाई लिखाई के बाद भी नौकरी मिलने में दिक्कत आती है। रोजगार यहां बड़ा चुनावी मुद्दा हो सकता है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक सरकार ने कई योजनाओं का पूरा लाभ गरीबों को दिलाया है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि बेरोजगारी की समस्या बरकरार है।
मंडला में कोई उद्योग धंधा नहीं है। जिसकी वजह से यहां का मजदूर वर्ग तमिलनाडु, ओडिशा, केरल के राज्यों में मजदूरी के लिए जाते हैं। जो उद्योग हैं वह 150 किलोमीटर दूर स्थित जबलपुर में हैं। मनेरी भले ही मंडला जिले में है लेकिन इसका पूरा फायदा जबलपुर को मिलता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 साल पहले यहां की सड़कों का बुरा हाल था लेकिन अब सड़क व्यवस्था बहुत बढ़िया है।
मंडला रेल मार्ग से नहीं जुड़ा है। जिसके लिए बड़ी लाइन का कार्य चल रहा है। जिसके दो-तीन सालों में चालू हो जाने की उम्मीद है। हालांकि अभी यह सिर्फ सड़क मार्ग से जुड़ा है।  लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां बसों सेवा बहुत सुचारू है और लोगों को आवागमन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती।
लोगों ने बताया कि मंडला में सागवान के पेड़ हैं और इसकी लकड़ी की गुणवत्ता बहुत अच्छी है जिसे विदेशों में भी भेजा जाता है। लोगों का मानना है कि रेल लाइन चालू हो जाने के बाद इस क्षेत्र में ज्यादा काम होगा।

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