अवैध शरणार्थियों के लिए पकड़ो और रिहा करो की नीति में अहम बदलाव की घोषणा करते हुए ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी अदालत द्वारा उनकी शरण की अर्जी पर फैसला सुनाने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाएगा। अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आता तो उन्हें उनके मूल देश भेज दिया जाएगा।
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम अपने देश में अब उन्हें रिहा नहीं करने जा रहे हैं। उन्हें लंबा इंतजार करना होगा। हम बड़े शहरों को छावनी में तब्दील कर रहे हैं, सेना अद्भुत तरीके से हमारी मदद कर रही है।’’
राजनीतिक रूप से अहम मध्यावधि चुनाव से पहले नीति को लेकर यह भाषण तब दिया गया है जब ऐसा अनुमान है कि तीन लातिन अमेरिकी देशों अल साल्वाडोर, होंडुरास और ग्वाटेमाला से 5,000-7,000 के बीच शरणार्थियों का काफिला अमेरिका की ओर बढ़ रहा है। ट्रंप ने उन्हें रोकने के लिए दक्षिण-पश्चिम सीमा पर सेना तैनात की है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय शरणार्थियों का बड़ा काफिला हमारी दक्षिणी सीमा की ओर बढ़ रहा है। कुछ लोग इसे आक्रमण कहते हैं। यह आक्रमण की तरह है। उन्होंने हिंसक तरीके से मेक्सिको सीमा पार की। दो दिन पहले आपने यह देखा।’’
ट्रंप ने कहा कि ऐसे काफिलों को घुसने नहीं दिया जाएगा और उन्हें वापस लौट जाना चाहिए क्योंकि ‘वे अपना समय बर्बाद’ रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अमेरिका में आने के लिए आवेदन देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि कुछ नहीं होगा लेकिन अगर होता है तो हम पूरी तरह तैयार हैं।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि पकड़ो और रिहा करो की नीति दुनियाभर में हास्यास्पद विषय है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें देश में नहीं आने देंगे और हम उन्हें रिहा नहीं कर रहे और हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे जो वर्षों से होता रहा है जो हमारे देश के लिए बेहद भयानक है।’’ इस बीच, ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की ओर बढ़ रहा काफिला अगर सैनिकों पर पथराव करता है तो सेना उन पर गोलियां चला सकती है।
नीति में बदलाव की घोषणा करने के बाद पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने उम्मीद जताई कि अमेरिकी सेना इन अवैध शरणार्थियों पर गोली नहीं चलाएगी। लेकिन साथ ही कहा कि अगर कोई पथराव करता है जैसा कि मेक्सिको में हुआ तो इसे गोली चलाना माना जाएगा क्योंकि जब आपके चेहरे पर पत्थर लगता है तो उसमें ज्यादा फर्क नहीं होता।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि ये अवैध शरणार्थी क्रूरतापूवर्क तथा हिंसक तरीके से पत्थर फेंक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आपने तीन दिन पहले देखा कि वे सेना को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे हमारी सेना पर पत्थर फेंकना चाहते हैं तो हमारी सेना भी जवाबी कार्रवाई करेगी।’’