छत्तीसगढ़ में 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है। महासमुंद में चार विधानसभा सीटें हैं- महासमुंद, खल्लारी, बसना और सरायपाली। इस जिले में 778384 मतदाता इस बार अपने विधायक के लिए चुनाव में हिस्सा लेंगे। इन चारों विधानसभाओं में कांटे की टक्कर है, क्योंकि इस जिले में किसी एक पार्टी का वर्चस्व ज्यादा समय तक कायम नहीं रहता है। आइए जानते हैं क्या है इन विधानसभा सीटों में खास-
महासमुंद विधानसभा
महासमुंद विधासभा सीट सबसे अस्थायी सीट है। यहां हर बार अलग पार्टी का विधायक चुन कर आता है। बात पिछले विधानसभा चुनाव की करें, तो यहां भाजपा और कांग्रेस को पछाड़ एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी। निर्दलीय विमल चोपड़ा ने कांग्रेस के अग्नि चंद्राकर को करीब 5000 वोटों से हराया था।
खल्लारी विधानसभा
इस विधानसभा सीट से कोई भी प्रत्याशी सिर्फ एक बार ही जीत हासिल कर पाता है, दूसरी बार चुनाव में उतरने पर उसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चुन्नी लाल साहू ने पूर्व विधायक परेश बगबहरा को तकरीबन 6000 वोटों से मात दी थी।
बसना विधानसभा
बसना विधानसभा सीट पर एक पार्टी को कभी लगातार जीत नहीं मिली है। हर विधानसभा चुनाव में इस सीट पर या तो भाजपा या फिर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। बात पिछले चुनाव की करें, तो इसमें भाजपा की रूपकुमारी चौधरी ने कांग्रेस के देवेंद्र बहादुर सिंह को करीब 7000 वोटों से शिकस्त दी थी।
सरायपाली विधानसभा
यह विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। राज्य के गठन के बाद यहां अब तक तीन बार चुनाव हो चुके हैं और यहां दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इस सीट की खासियत है कि यहां से जीतने के बाद कोई भी विधायक दोबारा चुनकर नहीं आ पाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के रामलाल चौहान ने कांग्रेस के डॉ. हर्षवर्धन भारद्वाज को हराया था