छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। अमर उजाला आपको बताएगा छत्तीसगढ़ के जमीनी हालात और उन विषयों के बारे में जो इस बार चुनावी मुद्दे हैं। राजधानी रायपुर। हमारे संवाददाता वैभव कुमार ने युवाओं और उम्रदराज दोनों आयु वर्ग के मतदाता से बात की और जाना इस बार वोट करने से पहले उनके मन में क्या चल रहा है।
वैभव का सबसे पहला सवाल था कि रायपुर किन मुद्दों पर वोट करने वाला है। इसके जवाब में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। किसी ने कहा कि चुनाव का मुद्दा विकास रहेगा। लोगों का मानना है कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में सरकार ने विकास का अच्छा कार्य किया है।
भ्रष्टाचार
हालांकि इससे ठीक उलट एक दूसरा मत भी मिला कि सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार 10 गुना बढ़ गया है। सरकार रोड बना रही है और फिर दोबारा उसे खोद रही है और भर रही है। यही विकास हो रहा है।
लोगों ने स्काइवाक योजना को फिजूलखर्जी बताया और कहा कि इसमें कोई पैदल नहीं चलता। साथ ही इन स्काइवाक में रात में शराबियों का अड्डा बनने का अंदेशा जाहिर किया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि 8 करोड़ की योजना 50 करोड़ में तैयारी हुई और इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ।
कारोबार
रायपुर व्यापार पर आश्रित शहर है। शहर के व्यापारियों का मानना है कि व्यवसाय के क्षेत्र में सरकार ने कुछ भी विशेष नहीं किया। नोटबंदी, जीएसटी से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। नोटबंदी योजना पूरी तरह फेल साबित हुई। मार्केट में पैसे का फ्लो खत्म हो गया है। जीएसटी ने व्यापारियों में डर पैदा किया। व्यापार में 50 फीसदी की कमी आ गई है।
दीवाली में जहां पहले चहल-पहल और जमकर खरीदारी होती थी वहीं इस समय बाजार बिल्कुल खाली पड़ा है। 80 फीसदी लोगों का मानना है कि केंद्र सरकार की नोटबंदी और जीएसटी योजना ने राज्य में आर्थिक क्षेत्र को बिलकुल मंदा कर दिया है।
रोजगार
युवाओं का मानना है कि रोजगार के क्षेत्र मे रायपुर में काफी संभावनाएं हैं।
महंगाई
गृहणियों ने कहा कि महंगाई की बहुत ज्यादा मार पड़ी है।
महिला सुरक्षा
सरकार महिला सुरक्षा के दावे करती है। युवतियों का कहना है कि पॉश कॉलोनियों में सुरक्षा व्यवस्था दिखाई देती है। लेकिन निम्न आयवर्ग की रिहाइश और बाहरी इलाकों में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। आलम यह है कि यहां मूलभूत सुरक्षा जरुरतों को पूरा करने की आवश्यकता है। मनचले बाइक गैंग से यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है, लोगों का सड़क पर चलना मुहाल हो जाता है। महिलाओं की सुरक्षा अभी भी एक अहम मुद्दा है।
खेल
एथलीटों ने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई काम किए हैं। रायपुर में स्टेडियम और खेल के मैदान बन रहे हैं। महिला एथलीटों का भी मानना है कि खेल को लेकर सुविधाएं बढ़ी हैं।
शिक्षा
शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो रायपुर में आईआईएम और एनआईटी तो हैं लेकिन स्कूलों की मनमानी फीसदी को लेकर लोग परेशान हैं।