जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में शहीद लांस नायक रणजीत सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव ले जाया गया। मंगलवार को पैतृक गांव में शहीद के अंतिम संस्कार से कुछ घंटे पहले उनकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। यह दंपति की पहली संतान है जो करीब 10 साल इंतजार के बाद हुई।
लांस नायक सिंह जम्मू कश्मीर लाईट इंफैंट्री के उन तीन जवानों में एक थे जो रविवार को राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी घुसैपैठियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गये थे। मुठभेड़ में दो सशस्त्र पाकिस्तानी घुसपैठिये, जिन्हें पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम का सदस्य माना जा रहा है, भी मारे गए। तिरंगे में लिपटा 36 वर्षीय सैनिक सिंह का पार्थिव शरीर अखनूर गैरीसन में श्रद्धांजलि के बाद सोमवार को उनके पैतृक गांव सुलीगाम लाया गया। लेकिन देर हो जाने की वजह से परिवार ने मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार का फैसला किया।
अधिकारियों के अनुसार लेकिन आधी रात को उनकी गर्भवती पत्नी सीमू देवी को प्रसव पीड़ा होने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने सुबह करीब पांच बजे एक बच्ची को जन्म दिया। अधिकारियों के मुताबिक सीमू को अपने पति का अंतिम दर्शन कराने के लिए उनकी नवजात शिशु के साथ श्मसान घाट ले जाया गया। बाद में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।
इस परिवार को जानने वाले एक स्थानीय निवासी विजय कुमार ने कहा, ”इन सैनिक ने अपनी पहली संतान के जन्म के लिए दस साल तक इंतजार किया लेकिन विधाता को अंत में कुछ और मंजूर था। उन्होंने कहा कि सिंह 2003 में सेना में शामिल हुए थे और वह इस मौके पर अपनी पत्नी के साथ रहने की योजना बना रहे थे।
कुमार ने कहा कि पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है लेकिन नवजात के आगमन से परिवार को शायद इस दुख से उबरने में कुछ मदद मिलने की आस है।