पहली बार वर्ल्ड कप में होगा इस ‘नई तकनीक’ का प्रयोग

पहली बार वर्ल्ड कप में होगा इस ‘नई तकनीक’ का प्रयोग

इस साल रूस में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप में एक नई तकनीक शामिल होने जा रही है। फुटबाल के अंदर और बाहर से हो रहे विरोध के बावजूद इस वर्ल्ड कप में वीडियो सहायक रेफरी तकनीक (वीएआर) का उपयोग किया जाएगा। फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो ने यह जानकारी दी।

इन्फेनटिनो ने कल फीफा परिषद की बैठक के बाद कहा, ‘पहली बार 2021 में विश्व कप में ‘VAR’ का उपयोग किया जाएगा। इसको मंजूरी मिल गयी है और हम वास्तव में इस फैसले से बहुत खुश हैं।’ आपको बता दें कि फुटबाल के नियमों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय फुटबाल संघ बोर्ड (आईएफएबी) ने दो सप्ताह पहले ही ज्यूरिख में इस प्रौद्योगिकी को हरी झंडी दिखा दी थी और फीफा परिषद ने उसे अंतिम मंजूरी दी।

मालूम हो कि वर्ल्ड कप 14 जून से 15 जुलाई के बीच रूस में खेला जाएगा। इस दौरान इस तकनीक (VAR) का उपयोग यह पता करने के लिये किया जाएगा कि गोल हुआ या नहीं और पेनल्टी देनी चाहिए या नहीं। इसके अलावा ये रेड कार्ड को लेकर भी फैसला करेगी और अगर किसी खिलाड़ी को गलती से सजा मिल गयी है तो उसमें सुधार करेगी।

इन्फेनटिनो ने कहा, ‘हम मदद करना चाहते हैं और रेफरी को जब महत्वपूर्ण फैसले करने हों तब उनके लिये अतिरिक्त मदद की संभावना रखना चाहते हैं। विश्व कप में हम कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो असिस्टेंट रेफरी तकनीक से मुख्य रेफरी को मदद मिल रही है और हम अधिक पारदर्शी और साफ सुथरा खेल चाहते हैं।

बता दें कि VAR का 2016 से 20 महासंघों ने प्रयोग के तौर पर उपयोग किया। इनमें जर्मन बुंडेसलिगा और इटली की सेरी ए भी शामिल है। अब तक लगभग 1000 मैचों में इसे आजमाया जा चुका है। वैश्विक तौर पर हालांकि इस प्रौद्योगिकी को समर्थन नहीं मिला और यहां तक कि यूरोपीय फुटबाल संस्था यूएफा भी अभी इसको लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है।

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