म्यांमार ने सित्वे बंदरगाह के परिचालन के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारत और म्यांमार ने सित्वे बंदरगाह के लिए एक निजी संचालक नियुक्त करने के लिए सोमवार को एक अहम समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, बंदरगाह से दोनों देशों के बीच संपर्क बेहतर होगा और म्यांमार में रोजगार अवसरों के सृजन में मदद मिलेगी। इसके साथ दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े मुद्दों और साथ ही तनावग्रस्त रखाइन प्रांत के घटनाक्रमों सहित साझा हित के विषयों पर चर्चा की। म्यांमार दौरे पर आये विदेश सचिव विजय गोखले ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और परिवहन एवं संचार मंत्री यू थांट सिन माउंग के साथ बैठक के बाद सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया।

गोखले, सू ची से मिले और द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े मुद्दों एवं साथ ही तनावग्रस्त रखाइन प्रांत के घटनाक्रमों सहित साझा हित के विषयों पर चर्चा की। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ”बैठक में द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े सभी मुद्दों और साथ ही रखाइन प्रांत के घटनाक्रमों सहित साझा हित के अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा की गयी। सू ची के साथ बैठक के बाद विदेश सचिव म्यामां के परिवहन एवं संचार मंत्री यू थांट सिन माउंग से मिले और संपर्क एवं म्यामां में भारत द्वारा विकसित किए जा रहे परिवहन ढांचे से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

बैठक के बाद गोखले और म्यामां के परिवहन एवं संचार मंत्रालय के स्थायी सचिव ने सित्वे बंदरगाह, पलेत्वा इनलैंड वाटर टर्मिनल और कलादन मल्टी मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट में शामिल प्रतिष्ठानों के संचालन एवं रखरखाव के लिए एक निजी बंदरगाह संचालक की नियुक्ति की खातिर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया, ”भारत की एक्ट ईस्ट नीति के कार्यान्वयन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि इसपर हस्ताक्षर किए जाने से भारत के साथ संपर्क सहित म्यामां का पूर्ण संपर्क बेहतर होगा और म्यामां के पूरे क्षेत्र खासकर रखाइन एवं चिन राज्यों में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

म्यांमार का सित्वे बंदरगाह चारों तरफ से जमीन से घिरे भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को मिजोरम के रास्ते बंगाल की खाड़ी से जोड़ेगा। इससे कोलकाता के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा। भारत ने म्यांमार में विकास कार्यक्रमों के लिए कुल 1.75 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता दी हुई है। गोखले म्यांमार की रक्षा सेवाओं के कमांडर इन चीफ वरिष्ठ जनरल मिन उंग हलाइंग से भी मिले और सीमा सुरक्षा, द्विपक्षीय सहयोग, म्यांमार की शांति प्रक्रिया के साथ ही रखाइन राज्य की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

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