Helicopter Eela Movie Review :

Helicopter Eela Movie Review :

कलाकार – काजोल, रिद्धि सेन, नेहा धूपिया, मुकेश ऋषि

निर्देशक – प्रदीप सरकार

सिनेमा टाइप – ड्रामा

रेटिंग- 2 (**)

कहानी 

‘हेलीकॉप्टर ईला’ की कहानी है ईला राईतुरकर (काजोल) की जो एक गायिका होने का ख्वाब देखती है। उसके सपनों को हकीकत का जामा पहनने में उसका प्रेमी अरुण (तोता रॉय चौधरी) पूरा साथ देता है। लेकिन मुंबई की सिंगल मदर ईला रायतुरकर अपने सपनों को कुर्बान कर हर दम अपने बेटे विवान ( रिद्धि सेन)  की फिक्र में रहती है। बचपन से लेकर कॉलेज जाने तक ईला विवान की हर बात का खयाल रखती है। यहां तक कि वो विवान के कॉलेज में भी दाखिला लेती है। ईला एक बेहतरीन गायक होती है लेकिन विवान कि खातिर वो महज़ एक मां बनकर रह जाती है। विवान चाहता है कि उसकी मां पहले वाली ईला बनकर खुद के लिए भी जिए। क्या ईला खुद को ढूंढ पाती है या नहीं? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

एक्टिंग 

आपको बता दें कि ‘हेलीकाप्टर ईला’ पूरी तरह से काजोल के कंधे पर टिकी नजर आती है। फिल्म के पहले फ्रेम से लेकर आखिर फ्रेम तक काजोल ही नजर आती हैं। वहीं फिल्म में  रिद्धि सेन ने भी जबरदस्त एक्टिंग की है। भले ही फिल्म में नेहा धूपिया की रोल ज्दाया नहीं है। फिर भी वह अच्छी एक्टिंग की हैं।  फिल्म बॉलीवुड के तमाम इमोशंस भरे हैं  और इस वजह से फिल्‍म कई बार अटकी नजर आती है।

संगीत- संवाद 

हेलीकॉप्टर ईला आनंद गांधी के गुजराती नाटक ‘बेटा कागदो’ पर आधारित है। इस फिल्म के डाइरेक्टर प्रदीप सरकार की फिल्म ‘हेलीकॉप्टर ईला’ से सबसे बड़ी शिकायत यही है कि फिल्म का जो सबसे बड़ा मुद्दा है उसको फिल्म के बीच में कहीं गायब नजर आता है। फिल्म का मुद्दा है कि काजोल के भीतर एक गायिका बनने की दबी ख्वाहिश जो बच्चे की पैदाइश के बाद वो सपना अधुरा रह जाता है। फिर हाल जो भी यह फिल्म आपको हंसाने, रुलाने और जोड़े रखने में कामयाब है। इस फिल्म का संगी भी काफी लाबवाब है। इस फिल्म में अमित त्रिवेदी ने संगीत दिया है। जो काफी अच्छा है।

ये है हेलीकॉप्टर ईला की खासियत

अगर आप एक्ट्रेस काजोल के शरारती अंदाज के दिवाने हैं तो आपको इस फिल्म को जरुर देखना चाहिए। ईला, एक मदर, को कालेज के गलियारों में टहलते हुए दिखाया जाता है। काजोल जबरदस्त फार्म में हैं। ऑडियंस को अपने संघर्ष में बांधकर रखती हैं। इस फिल्म को आप अपने दोस्तों या फैमली के साथ देख सकते हैं। लेकिन अगर आप इस फिल्म में किसी खास मकसद से देखने के लिए जाना चाह रहे हो तो ये आपको थोड़ा निराश करेगी। इस फिल्म में कोई नया पन नहीं है। एक तो फिल्म काफी स्लो मोशन में चलती है वहीं दुसरे हिससे में आपको कई बार दुहराव देखने को भी मिलेंगे। बीच बीच में कहानी से फोकस हट जाता है।

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