एच1बी वीजा में बदलाव करेगा ट्रंप प्रशासन,

एच1बी वीजा में बदलाव करेगा ट्रंप प्रशासन,

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच-1बी वीजा नीति में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं। इससे सीधे तौर पर भारतीय आईटी पेशेवरों और वहां काम कर रहीं छोटी-बड़ी भारतीय कंपनियों पर असर पड़ेगा।

अमेरिकी सरकार एच-1बी वीजा नीति में बदलाव के लिए जनवरी 2019 में प्रस्ताव लाएगी। इसमें एच-1बी वीजा के तहत आने वाले रोजगार और विशेष व्यवसायों या पेशों की परिभाषा को बदलने की तैयारी है। दरअसल, अभी हर साल करीब 65 हजार एच-1बी वीजा जारी होते हैं, जिनके जरिये अमेरिका में स्थानीय या विदेशी कंपनियां पेशेवरों को अस्थायी नौकरियां देती हैं।

इसका सबसे ज्यादा लाभ भारतीय आईटी पेशेवरों को मिलता है, जो वहां गूगल, आईबीएम, इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो, फेसबुक और एप्पल जैसी आईटी और इंटरनेट कंपनियों में नौकरी करते हैं। भारतीय आईटी पेशेवरों को वेतन एवं सुविधाएं अमेरिकियों की तुलना में सस्ता पड़ता है।

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा जनवरी 2019 तक नया प्रस्ताव लाएगी। इसका उद्देश्य विशेष व्यवसाय की परिभाषा को संशोधित करना है। दरअसल, एच-1बी वीजा का लाभ ज्यादातर आईटी क्षेत्र के प्रतिभाशाली पेशेवर उठा रहे हैं उनमें भारतीय पहले स्थान पर हैं।

65 हजार एच-1बी वीजा (अस्थायी रोजगार) केहर साल जारी करता है अमेरिका

03 साल की मान्यता होती है वीजा की, जिसे अधिकतम छह साल बढ़ा सकते हैं

126,853 एच-4 वीजा आवेदन दिसंबर 2017 तक मंजूर किए गए

एज-4 वीजा खत्म करने से रिश्तेदारों पर संकट

अमेरिका के गृह विभाग ने एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को जारी होने वाले एच-4 वीजा को खत्म करने का भी प्रस्ताव दिया है। अगर ऐसा होता है तो एच-1बी वीजाधारक भारतीय या अन्य किसी देश के पेशेवर की पति या पत्नी को वहां काम करना मुश्किल हो जाएगा। परिवार के बगैर पेशेवरों का वहां टिके रह पाना मुश्किल होगा। यह वीजा 2015 में बराक ओबामा के कार्यकाल में शुरू किया गया था। हालांकि अमेरिकियों को नौकरी में प्राथिमकता देने की नीति पर चल रहे ट्रंप की नजर विदेशी कामगारों पर है।

सिर्फ दस फीसदी भारतीयों को मिला ग्रीन कार्ड

अमेरिका में पिछले साल 60,394 भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिले, जबकि यहां स्थायी तौर पर रहकर काम करने की छूट देने वाली इस सुविधा के लिए छह लाख भारतीय इंतजार कर रहे थे।

अप्रैल, 2021 के आंकड़ों के मुताबिक 6.32 लाख भारतीय प्रवासी, उनकी पत्नियां और बच्चे ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पिछले साल जिन 60,394 भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिले, उनमें से 23,569 लोगों को रोजगार के आधार पर ये कार्ड मिले। अमेरिका में ग्रीन कार्ड प्राप्त होने के बाद व्यक्ति स्थायी तौर पर वहां रह सकते हैं और काम कर सकते हैं। अमेरिका के गृह मंत्रालय की ओर से ये आंकड़े जारी किए गए हैं।

भारतीयों के ग्रीन कार्ड नहीं बढ़े

-64,116 ग्रीन कार्ड दिए गए 2015 में

-64,687 को ग्रीन कार्ड मिले 2016 में

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up