भगवान श्रीराम की बुराइयों के पर्याय राक्षस रावण पर विजय के उपलक्ष्य में विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। दशहरा का त्यौहार अश्चिन माह कृष्ण पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन लोग शस्त्र पूजा भी करते हैं जिससे कि दुश्मनों पर विजय प्राप्त की जा सके। लेकिन इसके अलावा भी कई उपाय हैं जिन्हें लोग संपन्नता और एश्वैर्य पान के लिए अपनाते हैं। आगे जानें कौन से हैं ये उपाय-
उपाय 1- दशहरे के दिन दोपहर में घर के ईशान कोण में शुद्ध भूमि पर चंदन, कुमकुम और पुष्प से अष्टदल कमल की आकृति बनाएं और उसका पर देवी जया व वजिया का स्मरण कर उनका पूजन करें। इसके बाद शमी वृक्ष की पूजा करें। इसके बाद वृक्ष के पास की थोडी मिट्टी लेकर अपने घर में रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से रुके हुए काम बनते हैं और गरीबी नहीं आती।
उपाय 2- यदि आप कानूनी दांव पेंच से परेशान हैं या मुकदमों में फंसे हैं तो दशहरा को शमी के पेड़ की पूजा करें और शाम को उसके नीचे दीपक जलाएं। ऐसे करने से मुकदमों में विजय मिलती है और धन की प्राप्ति होती है।
उपाय 3– संकट हरने में संकटमोचन भगवान हनुमान जैसा कोई नहीं है। यदि आपके सामने किसी प्रकार का संकट है तो दशहरे के दिन सुबह गुड़ चने और शाम को लड्डुओं को भोग लगाकर प्रार्थना करें इससे हनुमान जी आपकी रक्षा करेंगे।
उपाय 4-हर जगह क्षेत्र में विजय पाने के लिए दशहरा को देवी पूजन करें और उन्हें 10 फल चढ़ाकर गरीबों को बांटें। देवी मां को फल चढ़ाते वक्त ‘ॐ विजयायै नम:’ मंत्र का जाप करें। ऐसा काम दशहरा के दिन दोपहर को करना चाहिए।
उपाय 5– किसी को अपने बुरे कार्यों के लिए यदि यमलोक का भय सता रहा हो तो दशहरे के दिन मां काली का ध्यान करते हुए उनसे क्षमा मांगें और काले तिल चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा हर साल करने से यमलोक की यातनाओं का भय नहीं सताता।