बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त आए दिन किसी न किसी कारण चर्चा में बने रहते हैं। संजय दत्त की जिंदगी से जुड़े ऐसे कई राज हैं, जिससे उनके फैंस आज भी अंजान हैं। लेकिन अब आप संजय दत्त के बारे में सब कुछ जान सकेंगे। संजय दत्त की हर अच्छी बुरी, गलतियां और संघर्ष हर सफर की दास्तान के बारे में जान सकेंगे। जी हां, यासीर उस्मान की ‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड बैड ब्वॉय’ में संजय दत्त से जुड़ी हर घटना का जिक्र किया गया है।
यासीर ने संजय दत्त के बारे में बात करते हुए कहा है कि संजय दत्त की मां नरगिस का जब निधन हुआ तब तो वह नहीं रोए लेकिन तीन साल बाद एक टेप में मां की आवाज सुनते ही वह खुद पर कंट्रोल नहीं कर सके और फफक-फफक कर रो पड़े। संजय दत्त पर आई एक नई किताब में बॉलीवुड के ऑरिजनल बैड ब्वॉय के बारे में अतीत की ऐसी कई बातों का जिक्र किया गया है।
आगे पढ़ें सजंय दत्त से जुड़ी ऐसी ही कुछ बातें..
यासीर उस्मान की ‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड बैड ब्वॉय’ में अच्छी, बुरी, बेतुकी चीजों, गलतियों, संघर्ष, दिल को झकझोर देने वाली और जबरदस्त कामयाबी समेत हर सफर की दास्तान है। इस किताब में संजय के हमसफर, उनके नशीली दवा लेने जैसे कई वाकये का जिक्र किया गया है। संजय की फिल्म ‘रॉकी’ के प्रदर्शित होने से पहले 3 मई 1981 को कैंसर से नरगिस का निधन हो गया था। उस्मान ने लिखा है, संजय की मां का निधन हुआ तो वह नहीं रोए। नरगिस के गुजरने के तीन साल बाद अचानक संजय का जख्म हरा हो गया। संजय उस वक्त अमेरिका में नशीली दवाओं की लत से छुटकारे के लिए उपचार केंद्र में भर्ती थे। उपचार के दौरान मदद के लिए पिता सुनील दत्त ने नरगिस के अंतिम दिनों के कुछ टेप उन्हें भेजे थे।
आगे पढ़ें टेरप मिलने के बाद संजय दत्त के क्या रिएक्शन थे…
किताब में कहा गया है, संजय को जब अपने पिता से टेप मिला तो उन्हें पता नहीं था कि उसमें क्या है। उन्होंने उसे बजाया और अचानक ही कमरे में नरगिस की आवाज गूंजने लगी। उन्हें अपना बचपन याद आ गया, जब उनकी मां की आवाज दत्त के बंगले में गूंजती थी। किताब में संजय के हवाले से कहा गया है, मैं दहाड़े मार कर रोने लगा। मैं रोता रहा। चार दिनों तक आंखों से आंसू नहीं थमे।