पूर्णिमा से अमावस्या के ये 15 दिन पितरों को कहे जाते हैं। इन 15 दिनों में पितरों को याद किया जाता है और उनका तर्पण किया जाता है। श्राद्ध को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 24 से 8 अक्टूबर तक श्राद्धपक्ष रहेगा। जिन घरों में पितरों को याद किया जाता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है। इसलिए पितृपक्ष में पृथ्वी लोक में आए हुए पितरों का तर्पण किया जाता है। जिस तिथि को पितरों का गमन (देहांत) होता है उसी दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है।
जानिए किस तिथि को कौन सा श्राद्ध आएगा
24 सितंबर 2021 पूर्णिमा श्राद्ध
25 सितंबर 2021 प्रतिपदा श्राद्ध
26 सितंबर 2021 द्वितीय श्राद्ध
27 सितंबर 2021 तृतिया श्राद्ध
28 सितंबर 2021 चतुर्थी श्राद्ध
29 सितंबर 2021 पंचमी श्राद्ध
30 सितंबर 2021 षष्ठी श्राद्ध
1 अक्टूबर 2021 सप्तमी श्राद्ध
02 अक्तूबर (मंगलवार)
आश्विन कृष्ण अष्टमी रात्रि 2.17 बजे तक उपरांत नवमी। अष्टमी श्राद्ध। कालाष्टमी।.
03 अक्तूबर (बुधवार)
आश्विन कृष्ण नवमी रात्रि 12 .10 बजे तक, पश्चात दशमी। नवमी श्राद्ध।
04 अक्तूबर (गुरुवार)
आश्विन कृष्ण दशमी रात्रि 9.49 बजे तक।दशमी श्राद्ध।
05 अक्तूबर (शुक्रवार)
आश्विन कृष्ण एकादशी सायं 7.18 बजे तक। एकादशी श्राद्ध।
06 अक्तूबर (शनिवार)
आश्विन कृष्ण द्वादशी सायं 4.40 बजे तक। द्वादशी श्राद्ध।
07 अक्तूबर (रविवार)
आश्विन कृष्ण त्रयोदशी मध्याह्न 2 बजकर 3 मिनट तक।त्रयोदशी श्राद्ध।
08 अक्तूबर (सोमवार)
आश्विन कृष्ण चतुर्दशी प्रात: 11.32 बजे तक। चतुर्दशी श्राद्ध (प्रात: 11.32 बजे से पूर्व)।
9 अक्टूबर 2021 सर्वपितृ अमावस्या