व्लादीमीर पुतिन चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन को बड़ी जीत मिली है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए लोगों ने जमकर मतदान किया था। राष्ट्रपति चुनाव में पड़े वोटों की गिनती लगभग पूरी हो गई है। रूस के सेंट्रल इलेक्शन कमीशन के अनुसार पुतिन को इसमें लगभग 76 फीसदी वोट मिले। पुतिन का रूस के राष्ट्रपति के तौर पर यह चौथा कार्यकाल होगा। वे अगले सालों यानी 2024 तक सत्ता पर काबिज रहेंगे। शुरूआती रूझानों के आने के बाद मॉस्को में एक रैली को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि वोटरों ने पिछले सालों की उपलब्धियों को पहचाना है। साथ ही पुतिन ने अपने समर्थकों को भी धन्यवाद दिया। ऐसा अनुमान था कि पुतिन इस बार भी बड़ी जीत दर्ज करेंगे और परिणाम भी वैसा ही रहा। पुतिन को लगभग 76 फीसदी वोट मिले वहीं साल 2012 में उन्हें 64 फीसदी वोट ही मिले थे।
यह चुनाव एकतरफा ही माना जा रहा था क्योंकि कोई भी कद्दावर नेता पुतिन के खिलाफ नहीं लड़ रहा। बीते साल प्रदर्शनों के जरिए रूस में अपनी ताकत दिखाने वाले ऐलेक्सी नवलनी को चुनाव लड़ने से ही रोक दिया गया था। नवलनी ने भी आरोप लगाया कि चुनाव में धांधली हुई है। गौरतलब है कि पुतिन 2000 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से दुनिया के सबसे बड़े देश पर अपना पूरा अधिकार कायम कर रखा है। उन्होंने टीवी को सरकार के नियंत्रण में रखा है।
पुतिन का चौथी बार राष्ट्रपति बनना था तय: एग्जिट पोल
वीटीएसआईओएम की ओर से किए गए के लिए करीब 1200 मतदान केंद्रों से आंकड़ों को जुटाकर सर्वे किया गया था। जिसमें कम्यूनिस्ट उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन को 11.2 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर दिखाया गया था। वीटीएसआईओएम ने एक बयान में कहा कि वोट देने वाले 37 फीसदी से ज्यादा लोगों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उन्होंने किसे वोट दिया।
कई क्षेत्रों में 100 फीसदी मतदान
रूस के पूर्वी क्षेत्र में कई जगहों पर 100 फीसदी मतदान होने की खबर है। कमचातका प्रायद्वीप के छह गांवों और चुकोत्सकी क्षेत्र के चार गांवों में 100 फीसदी मतदान हुआ।
यू्क्रेन में रूसी नागरिकों को मतदान की अनुमति नहीं
हालांकि, यूक्रेन में रह रहे रूसी नागरिकों को मतदान की अनुमति नहीं थी। वहीं क्रीमिया में रह रहे रूसी नागरिकों ने रविवार को वोट किया। चेचन नेता रमजान कादिरोव ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। वहीं रूस के चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइटों पर साइबर हमलों की बात कही है।
वोट देने के लिए बनाया जा रहा दबाव
पुतिन के विरोधियों ने आरोप लगाया है राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के लिए मतदाताओं पर दबाव बनाया जा रहा था। विरोधियों ने दावा किया कि दफ्तर से लोगों को मतदान देने के लिए जबरदस्ती भेजा जा रहा था। वहीं छात्रों को चेतावनी दी गई थी कि अगर वो मतदान नहीं करेंगे तो उन्हें परीक्षाओं में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक की उन्हें कॉलेज से निकाला भी जा सकता है। वहीं राज्य सरकार और स्कूल के प्रमुख अपने कर्मचारियों पर वोट देने का दबाव बना रहे थे। यहां तक की उन्हें वोटिंग करने वाले अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम भी देने के लिए कहा गया था।
मतदान से पहले बैलेट बॉक्स में मिले मतपत्र
स्वतंत्र चुनाव निगरानी समूह गोलोस ने चुनावों में 1,700 से अधिक अनियमितताओं की जानकारी दी थी। समूह ने बताया कि कई मतदान केंद्रों के बैलेट बॉक्स में मतदान से पहले ही उसमें मतपत्र मिले। वहीं कई जगहों पर मतदान करने पर दुकानों में मुफ्त खाना और छूट का भी प्रस्ताव था। स्थानीय और राज्य के कर्मचारियों पर 60 फीसदी से ज्यादा मतदान कराने का भी दबाव था।
पुतिन के सामने सात उम्मीदवार
राष्ट्रपति चुनाव में निवर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अलावा सात उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें ऑल पीपुल्स यूनियन पार्टी के सगेर्ई बाबुरिन, कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुदिनिन, सिविल इनिशिएटिव पार्टी के उम्मीदवार सेनिया सोबचक, कम्युनिस्ट्स ऑफ रशिया पार्टी के अध्यक्ष मैक्सिम सुरेकिन, प्रेजीडेंशियल कमिश्नर फॉर एंट्रेप्रेन्योर्स राइट्स के बोरिस तितोव, योबलोको पार्टी के सहसंस्थापक ग्रिगोरी यावलिंसकी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रशिया के प्रमुख व्लादिमीर जिरिनोवस्की शामिल थे।
स्टालिन के बाद सबसे ज्यादा समय तक पद पर रहने वाले नेता होंगे
सोवियत काल में जोसेफ स्टालिन के सत्ता में रहने के बाद पुतिन ही सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले नेता होंगे। इस साल यह चुनाव जीतने से अब उनका कार्यकाल 2024 तक रहेगा। इसके बाद वह संवैधानिक तौर पर यह पद छोड़ने के लिए बाध्य होंगे।
आंकड़ों पर एक नजर
– 10.89 करोड़ मतदाता मतदान के पात्र हैं रूस में
– 18.7 लाख मतदाता दूसरे देशों में रहते हैं
– 97,000 मतदान केंद्र बनाए गए हैं रूस में
– 145 देशों में 4100 मतदान केंद्र बनाए गए हैं