अमेरिकी कंपनी पेप्सीको में 12 वर्ष तक सीईओ पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद बुधवार को भारतीय मूल की इंद्रा नूयी ने पद छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे आज भी ऊर्जा से पूर्ण हैं और कुछ नया करना चाहती हैं। लेकिन अपनी नई पारी के बारे में उन्होंने कोई खुलासा नहीं किया। फिलहाल वे अपना सारा वक्त बच्चों एवं परिवार को देंगी।
चेन्नई के मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ीं 62 वर्षीय इंद्रा नूयी दो बेटियों की मां हैं। उन्होंने वर्ष 2006 में पेप्सीको में सीईओ पद संभाला था। उसके पहले 12 वर्ष तक वे विभिन्न पदों पर रहीं। इस मौके पर उन्होंने कहा, मेरे अंदर आज भी काफी ऊर्जा है, अब कुछ नया और बिल्कुल अलग करना चाहती हूं। नूयी के बाद अब पेप्सीको के नए सीईओ रेमोन लागुआर्ता (54) होंगे।
बता दें कि इंद्रा नूयी के कार्यकाल में पेप्सीको दुनिया की ‘शीर्ष 500’ कंपनियों में शामिल हुई। प्रतिस्पर्धी कंपनियों को मात देने के लिए उन्होंने कई बड़े फैसले लिए। उनकी खासियत यह रही कि वे कोई भी फैसला करतीं तो उसे लागू भी करवातीं। कंपनी के नियमों को लेकर भी उनका यही रुख रहा। वे भारत सहित दुनियाभर में अपनी नेतृत्व क्षमता के लिए जानी जाती हैं। इंद्रा नूयी को पिछले वर्ष फार्च्यून की बिजनेस क्षेत्र की विश्व की दूसरी सबसे शक्तिशाली महिला घोषित किया गया था। उनके सीईओ रहते पेप्सीको के पास 100 से अधिक ब्रांड और ट्रेडमार्क हैं।
भावुक पत्र : हमें कोई अलग नहीं कर सकता
इंद्रा नूयी ने बतौर सीईओ अपने सहयोगियों के नाम आखरी पत्र लिखा। उसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर दी। उसमें लिखा- आप सभी ने पत्र में मेरे लिए जो शब्द लिखे, उन्हें भूलना मुश्किल हैं। कुछ इतने भावुक हैं, जिन्हें पढ़कर मेरे आंसू निकल गए। वक्त कम है, इसलिए पत्रों का जवाब नहीं दे सकूंगी। मैं बतौर बोर्ड चेयरमैन अगले वर्ष की शुरुआत तक कंपनी में हूं। आप सभी के सहयोग से यह कंपनी आज अमेरिकी आइकन है। मुझे उम्मीद है कि आप सभी अपनी मेहनत एवं लगन आगे भी जारी रखेंगे। पेप्सीको के बाद मेरी जिंदगी के बारे में सूफी कवि रूमी का उल्लेख करना चाहूंगी। वे कहते थे, गुडबाय उनके लिए होता है, जिनके लिए आंखों में स्नेह होता है। जिन्हें हम हृदय एवं आत्मा से प्रेम करते हैं, उन्हें कोई चीज अलग नहीं कर सकती।