ओडिशा में बीजद नेता व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का एकछत्र राज खत्म करने के लिए भाजपा लोकसभा के साथ होनेवाले विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंकने जा रही है। पार्टी पटनायक को घेरने के लिए उनकी हर चुनाव के पहले की जाने वाली घोषणाओं को मुद्दा बना रही है। वह जनता को बता रही है कि चुनाव के बाद उन पर कोई अमल नहीं हुआ। नवीन पटनायक इस बार बीजू युवा वाहिनी बना रहे हैं और ‘अम गांव-अम विकास’ का नारा दे रहे हैं।
ओडिशा का चुनाव अन्य राज्यों से अलग होगा। यहां पर भाजपा व बीजद से ज्यादा मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के चेहरों के बीच होगा। राज्य में कांग्रेस के तेजी से गिर रहे ग्राफ में भाजपा को उभरने का मौका मिला है। दो साल पहले पंचायत व जिला परिषदों के चुनाव में भाजपा ने यहां पर बीजद को कड़ी टक्कर दी थी। उसने कांग्रेस को बहुत पीछे छोड़ते हुई बीजद के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था। इससे चौकन्ने हुए बीजद ने भाजपा को गंभीरता से लिया है।
नवीन की पुरानी योजनाओं की याद दिलाएगी
अरुण सिंह का कहना है कि नवीन पटनायक हर चुनाव के पहले एक ऐसी घोषणा करते हैं, जिससे लोगों को लुभाया जा सके और चुनाव बाद उसे भूल जाते हैं। 2009 के चुनाव से पहले उन्होंने ‘ग्राम साथी’ योजना शुरू की थी। इसमें चुनाव के समय गांव-गांव में लोगों को जोड़कर उन्हें गांव विकास के लिए पैसे दिए गए, लेकिन किसी को स्थाई रोजगार नहीं मिला और चुनाव बाद उसे भुला दिया गया। इसके बाद 2014 के चुनाव से पहले पटनायक ने ‘कृषक साथी’ योजना चलाई, जिसमें चुनाव के समय हर गांव में किसानों को जोड़कर पैसे दिए गए, लेकिन चुनाव बाद वह भी ठप हो गई।
संगठन के जरिए नवीन को बेनकाब करेगी
इस बार चुनाव से पहले बीजू युवा वाहिनी बनाई जा रही है, जिसमें युवाओं को जोड़ा जा रहा है और उन्हें पैसे दिए जा रहे हैं। इसके साथ ‘अम गांव-अम विकास’ योजना भी शुरू की है। इसमें हर गांव को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। सिंह ने आरोप लगाया कि इसमें बिना टेंडर के ही पैसे जारी किए जा रहे हैं। उसका मनमाना हिसाब किया जा रहा है। नवीन पटनायक हर बार मुद्दा बदल देते हैं। पहले की योजनाएं भी चुनावी लॉलीपाप साबित हुई है और अब फिर नया लॉलीपाप दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का संगठन अब गांव-गांव व बूथ-बूथ तक पहुंच चुका है और वह बीजद की घोषणाओं की पोल खोलेगी।