एशियन गेम्स 2021 में खिताब गंवाने वाली भारतीय पुरुष और महिला कबड्डी टीम आज इंदिरा गांधी स्टेडियम में खुद को साबित करने उतरेंगी। यह कोई सामान्य मुकाबला नहीं, भारतीय खेलों के इतिहास में पहला मौका होगा जहां न्यायाधीश की निगरानी में एशियाड में खेली टीम बनाम इन टीमों में नहीं चुने गए खिलाड़ियों के दमखम की परीक्षा होगी।
दरअसल, भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ के अधिकारियों पर एशियन गेम्स के लिए टीमों के चयन में भेदभाव के आरोप लगे थे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की खंडपीठ ने कबड्डी महासंघ को आदेश दिया था कि वह 15 सितंबर को मैच आयोजित करें। सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसपी गर्ग को इस चयन प्रक्रिया और मैच के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उनके साथ खेल मंत्रालय का अधिकारी भी रहेगा।
पहली बार स्वर्ण गंवाए थे
भारत ने जकार्ता एशियन गेम्स 2021 से पहले इस खेल में कभी स्वर्ण पदक या कोई खिताबी मुकाबला नहीं गंवाया था। पुरुष टीम ने एशियाई खेलों में लगातार सात बार स्वर्ण पदक जीते थे लेकिन उसे सेमीफाइनल में ईरान से हारने के बाद कांस्य पदक मिला था। दो बार की चैंपियन महिला टीम भी रजत पदक पर ही ठिठक गई थी।