पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों के बीच भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों को लेकर सरकार और कंपनियों की तैयारियां तेज हो गई हैं। कई बड़ी कंपनियां 2020 तक इलेक्ट्रिक कारें लांच करने वाली हैं, जबकि सात साल के भीतर 349 मॉडल बाजार में दस्तक देंगे।
ऐसे में जो लोग निकट भविष्य में कार खरीदने के इच्छुक हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। वे डीजल-पेट्रोल की बजाय सीधे इलेक्ट्रिक कार खरीद सकते हैं। वर्ष 2023 तक इलेक्ट्रिक कारों के जो 349 मॉडल लांच होंगे, उनमें से 50 फीसदी मॉडल एसयूवी कारों के होंगे। लिहाजा भारतीय ग्राहकों के लिए हर किस्म और हर दाम की कार उपलब्ध होगी। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार पर ग्लोबल मोबिलिटी सम्मेलन के बीच आई अंतरराष्ट्रीय शोध संगठन आईसीसीटी की रिपोर्ट से ये तथ्य सामने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में विश्व में इलेक्ट्रिक कारों के 155 मॉडल उपलब्ध थे, लेकिन कार चार्जिंग को बुनियादी सुविधाएं बढ़ने के साथ उच्च गुणवत्ता की बैटरियां और फास्टचार्जर आ रहे हैं, इससे इन कारों की मांग बढ़ रही है। दुनिया की तमाम कार कंपनियां इलेक्ट्रिक कारों के नए-नए मॉडलों का डिजाइन तैयार कर रही हैं। दूसरे, उत्पादन बढ़ने से कीमतें भी घटने लगी हैं। उम्मीद है कि 2025 तक इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें पेट्रोल कारों से भी कम हो जाएंगी।
शहरों में ई-कार की भारी मांग
रिपोर्ट के अनुसार, बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री बढ़ रही है। लासएंजिलिस में सबसे ज्यादा एक लाख इलेक्ट्रिक कारें हैं। जबकि शंघाई, बीजिंग,ओस्लो और सैन फ्रांसिस्को में यह संख्या 50-50 हजार से अधिक हो चुकी है।
भारत में 60-70 लाख ई कारों का लक्ष्य
नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान 2013 के अनुसार, 2020 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या को 60-70 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य था। हालांकि 2021 में केंद्र सरकार ने कहा कि 2030 तक नई बिकने वाली कारों में 30 फीसदी इलेक्ट्रिक कारें होंगी।
1.5 करोड़ से ज्यादा ई-कारें होंगी 2020 तक
30 लाख इलेक्ट्रिक कारें थीं 2017 के शुरू में
40 लाख का आंकड़ा पार हुआ इसके छह माह में
50 फीसदी से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें अभी चीन में
20% यूरोप और 17 फीसदी अमेरिका में चल रहीं
अगले साल ये मॉडल आएंगे
- ऑडी ई-ट्रॉन स्पोर्ट्सबैक
- जगुआर एक्सजे
- मिनी ई
- टेस्ला मॉडल 3
- वोल्वो एक्ससी40
- निसान आईडीएस
- ऑडीक्यू6 ई-ट्रान
- पोर्स मिशन ई