18वें एशियाई खेलों में भारत को रेसलिंग में कांस्य पदक दिलाने वाली खिलाड़ी दिव्या काकरान ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर मदद न करने का आरोप लगाया है। काकारन का कहना है कि दिल्ली की सरकार, एशियन गेम्स पर जाने से पहले उनकी मदद के लिए आगे नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि अगर खेलों से पहले ही सरकार ध्यान देती तो वो आज गोल्ड भी जीतकर ला सकती थीं।
‘मैंने लिख कर मदद मांगी, लेकिन जवाब नहीं आया’
दिव्या काकरान ने जकार्ता में 68 किलोग्राम कैटेगरी में चीनी ताइपे की रेसलर को हरा कर ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। दिव्या ने बुधवार को कहा, “जब मुझे मदद की जरूरत थी तब को किसी ने सहायता नहीं की। अगर उस दौरान मदद के लिए कोई आगे आया होता तो हो सकता है मैं गोल्ड भी जीत लेती।” दिव्या ने यह बातें दिल्ली सरकार के खिलाड़ियों के लिए आयोजित किए गए बधाई समारोह के दौरान कहीं। उन्होंने कहा, “जब मैंने कॉमनवेल्थ में पदक जीता था तो आपने मुझे बुलाया और मदद देने की पेशकश की थी। मैंने जब एशियन गेम्स के लिए मदद मांगी तो मुझे कोई सहायती नहीं मिली। मैंने लिखित में भी दिया, लेकिन किसी ने मुझे जवाब नहीं दिया।”
दिव्या ने दिया हरियाणा का उदाहरण
दिव्या ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से बोला कि वो गरीब लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा, “मैं भले ही गरीब हूं, लेकिन फिर भी मेरे अंदर रेसलिंग में कुछ कर दिखाने का जज्बा है। आप (सीएम) अगर मदद करेंगे तो अच्छा रहेगा।” इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए हरियाणा का उदाहरण दिया। दिव्या ने कहा, “आप देखिए कि हरियाणा के खिलाड़ियों ने गोल्ड जीते हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी सहायता मिली।”
केजरीवाल ने दी सफाई
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिव्या की बात सुनने के बाद अपनी सहमति जताई और साथ ही कहा कि उनकी सरकार के सामने कई तरह के अड़चनें हैं। केजरीवाल ने दिल्ली के स्पोर्ट्स पॉलिसी में कई कमियां हैं। हमने उन्हें ठीक करने की कोशिश भी की, लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा रोक लगा दी गई। हालांकि समारोह के दौरान दिल्ली सरकार ने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपये देने की बात कही। इसके अलावा, सिल्वर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को 75 लाख रुपये और ब्रॉन्ज मेडल विजेताओं को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि देने की बात कही।