केजीएमयू के उप कुलसचिव व रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. अनित परिहार के कमरे में रविवार को आग लग गई। अधिकारियों का दावा है कि शार्ट सर्किट से आग लगी। उनके कमरे के नजदीक कैंसर वार्ड में आग से उठा धुआं घुस गया। धुएं से कैंसर मरीजों का दम घुटने लगा। वार्ड का दरवाजा बंद कर खिड़कियां खोलकर मरीजों को राहत दी गई। कमरे के भीतर कम्प्यूटर, सोफा, किताबें व जरूरी दस्तावेज राख हो गए।
रेडियोलॉजी विभाग में डॉ. अनित परिहार का कमरा है। यहीं पर पीआरओ कार्यालय व कैंसर मरीजों का वार्ड है। प्रथम तल पर ईएनटी व ऑपरेशन आदि के मरीज भर्ती किए जाते हैं। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, खून का नमूना व फीस जमा करने की व्यवस्था है। उनके कमरे से ठीक पहले भूतल में दवा भण्डार गृह है। रविवार सुबह करीब 11 बजे डॉ. अनित के कमरे से आग की लपटे निकलने लगी। धुआं और आग की लपटे देख पीआरओ कार्यालय के कर्मचारी भागकर आए। पर, धुएं से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। कर्मचारियों ने आग बुझाने के लिए फायर एश्टिंग्यूसर का इस्तेमाल किया लेकिन वह काम नहीं किए। इसी दौरान कर्मचारियों ने फायर विभाग को सूचना दी।
जलकर खाक हो गया कमरे का सामान
फायर विभाग की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। रेडियोलॉजी विभाग के बाहर से पाइप के सहारे कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग की आगोश में पूरा कमरा खाक हो गया। उसमें रखा सामान जल गया। आग के कारण का सही पता नहीं चल पाया है। केजीएमयू मीडिया सेल के प्रभारी डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि शार्ट सर्किट आग लगने की वजह हो सकती है। हालांकि पुख्ता कारण का पता सोमवार को ही चल सकेगा। उन्होंने बताया कि घटना के वक्त कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, कुलसचिव राजेश राय समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे।
कैंसर मरीजों की फूली सांसें
आग का धुआं कैंसर वार्ड में भरने लगा। इसकी वजह से मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। करीब दो घंटे अफरा-तफरी मच गई। कई तीमारदार अपने मरीज को लेकर वार्ड के बाहर खुली जगह में आ गए। वहीं जो मरीज चलने-फिरने में मजबूर थे उनको खांसी आने लगी। आनन-फानन कर्मचारियों ने दरवाजा बंद कर दिया। पर, आग बढ़ने के डर से बार-बार तीमारदार दरवाजा खोल कर देख रहे थे। वार्डों की खिड़कियां खोल दी गईं। धुआं तेजी से ऊपर सर्जरी और ईएनटी विभाग के वार्डों की तरफ फैल रहा था। धुआं निकलने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। वहीं भवन के ज्यादातर हिस्से की बिजली बंद कर दी गई। गर्मी से भी मरीज बेहाल रहे।
आग पर सवाल
रविवार को उप कुलसचिव के कमरे में आग लगने की घटना सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि छुट्टी होने से कमरे का एसी भी नहीं चलता है। बिजली के दूसरे उपकरण भी बंद रहते हैं। ऐसे में शार्ट सर्किट की बात गले नहीं उतर रही है। बताया गया है कि उप कुलसचिव के कमरें में तमाम अहम दस्तावेज भी थे। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों की भर्ती से जुड़े दस्तावेज भी जलकर खाक हो गए।