इसकी आम आदमी कल्पना भी नही कर सकता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी के केवल एक परिक्षेत्र के अपराधों के आंकड़े जारी कियें हैँ। ये आंकड़े बता रहें है कि यूपी ने जंगलराज को बी पीछे छोड़ दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर ध्वस्त कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। जबसे भाजपा सत्ता में आई है अपराधों की बाढ़ आ गई है। हत्या, लूट, अपहरण की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। सर्वाधिक चिंता की बात है कि महिलाओं और बच्चियों को रोज अपमानजनक स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है। बलात्कार की घटनाओं से इस प्रदेश की अब विदेशों तक में बदनामी हो रही है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी सरकार पर केवल आरोप ही नही लगाया बल्कि अपने आरोप के प्रमाण स्वरूप सबूत भी पेश किये। उन्होने बताया कि इलाहाबाद के सोरांव थाने के विगहिया गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। राजधानी में हत्या और लूट की घटनाएं तो रोजाना की आम बात है। अभी पिछले 1 जनवरी से 31 अगस्त 2021 तक के 8 महीनों में मेरठ क्षेत्र में ही 498 हत्याएं हो गई। अगस्त तक 414 बलात्कार की घटनाएं घटी। कुल 39,000 अपराधिक मामले दर्ज हुए है।
उन्होने कहा कि सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के 17 महीनों के शासनकाल में समाज का कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है। जनता भय और दहशत के माहौल में है। भाजपा ने ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओं‘ का नारा तो दिया पर हकीकत में बेटियां अब स्कूल-कालेज जाने से डरती हैं क्योंकि शोहदों ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी है। आत्मग्लानिवश कई किशोरियों ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान तक दे देती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री जी ने एक बड़ा एलान किया था कि अब अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश छोड़कर चले जाएंगे। डेढ़ वर्ष होने को है, अपराधी न तो बाहर गए न जेल में। वे सक्रिय रूप से प्रदेश में अपनी अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। वे पुलिस पर भी हमलावर हैं। पुलिस का इकबाल खत्म है। शासन-प्रशासन पंगु हो गया है। जनता भाजपा से संत्रस्त है और अब सन् 2019 में ही भाजपा के विरोध में परिणाम आ जायेगा।