हार्दिक पटेल के साथ आई कांग्रेस

हार्दिक पटेल के साथ आई कांग्रेस

गुजरात कांग्रेस ने गुरुवार को घोषणा की कि यदि राज्य सरकार पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से बातचीत नहीं करती है तो वह उनके समर्थन में शुक्रवार को 24 घंटे का उपवास रखेगी। पटेल के उपवास का गुरुवार को 13वां दिन था और वह व्हीलचेयर में बहुत ही कमजोर नजर आ रहे थे। उन्होंने अहमदाबाद के समीप अपने फार्महाऊस पर 25 अगस्त को उपवास शुरु किया था।

सोला सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और विपक्ष के नेता परेश धनानी एवं करीब 25 विधायकों समेत प्रदेश कांग्रेस के तीस नेताओं ने गुरुवार को पटेल के उपवास के सिलसिले में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मुलाकात की थी।  कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि राज्य सरकार पटेल से बातचीत शुरू करे और कृषि ऋणमाफी से संबंधित उनकी मांग मान ले। पटेल नौकरियों और शिक्षा में पाटीदार के लिए आरक्षण तथा किसानों के ऋण माफ करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं।

किसानों की कर्ज माफी, पाटीदार आरक्षण और राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार उनके साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई की मांग को लेकर हार्दिक पटेल अनशन  पर हैं।  25 अगस्त से वे ग्रीनवुड रिसार्ट के अपने आवास पर अनशन पर बैठे हैं। अनशन शुरू करने के वक्त उनका वजन 78 किलो था। जो अब घट कर 58 किलो हो गया है। उन्होंने अनशन के छठे और सातवें दिन यानी 30 और 31 अगस्त को जल त्याग किया था पर एक सितंबर से फिर से इसे लेना शुरू कर दिया था। आज 13 वें दिन सुबह उन्हें पहली बार व्हील चेयर इस्तेमाल करते हुए भी देखा गया।

उधर, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल समेत अन्य नेता और विधायकों ने आज हार्दिक के मुद्दे पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से राजधानी गांधीनगर में मुलाकात की। उन्होंने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। धानाणी ने कहा कि अगर सरकार ने ज्ञापन की मांगों पर सकारात्मक रूख नहीं दिखाया तो पार्टी शुक्रवार सुबह 11 बजे से प्रत्येक जिला मुख्यालय पर 24 घंटे का धरना अनशन कार्यक्रम करेगी।

इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने इस बात पर सवाल खड़ा किया कि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपे गये 8 पन्ने के ज्ञापन में कही भी पाटीदार समुदाय को आरक्षण का उल्लेख क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में खुलेआम कांग्रेस के साथ रहे और उसके लिए वोट मांगने और भाजपा को गालियां देने वाले हार्दिक अब फिर तटस्थ कैसे हो गये। वह कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं।

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