हाईकोर्ट ने इलाहाबाद के शिवकुटी इलाके में रिटायर दरोगा की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में आरोपियों की जमानत अर्जी पर कड़ा विरोध करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि दिनदहाड़े नृशंस हत्या करने के आरोपियों की जमानत अर्जी का अभियोजन पक्ष कड़ा विरोध करे। कम से कम ऐसे अपराध के आरोपियों के खिलाफ जब तक विवेचना पूरी न हो जाए, उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से कड़ा विरोध न किए जाने के कारण गैंगरेप व हत्या के आरोपियों की जमानत हो जाया करती है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सभी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी हे। घटना की विवेचना की जा रही है। इस पर कोर्ट ने अपर महधिवक्ता से पूछा कि मुख्य आरोपी फरार है। उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। इस पर कोर्ट ने अपर महाधिवकता मनीष गोयल से अगली सुनवाई पर कृत कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
कोर्ट ने बीते मंगलवार दिनदहाड़े हुई घटना की मीडिया रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए अपर महाधिवक्ता से मामले में हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। साथ ही कहा था कि सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने घटना की रिपोर्ट पर जनहित याचिका कायम कर ली है।
गिरफ्तार तीन आरोपियों को जेल, चार को बेल
इलाहाबाद विधि संवाददाता। रिटायर दरोगा अब्दुल समद की पीट-पीटकर हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से तीन को कोर्ट ने बुधवार को जेल भेज दिया गया और चार आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मिथिलेश कुमार तिवारी ने सऊद, यूसुफ कमाल व शेबू कमाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने का आदेश दिया। साथ ही गाली देने, जान से मारने की धमकी देने, बलवा करने, शस्त्र सहित विधिविरुद्ध जमाव के आरोप में मो. राजिक, साना उर्फ रुखसाना, हिना व मेहंदी को को 20-20 हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। शिवकुटी पुलिस ने सातों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था।