भगवान कृष्ण के जन्म दिवस जन्माष्टमी के पर्व के तौर पर मनाया जाता है। शास्त्रों की मानें तो भगवान कृष्ण का जन्म आज से करीब सवा पांच हजार साल पहले भाद्रपद माह में कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। मथुरा के मंदिरों में जन्माष्टमी 3 सितंबर को मनाई जाएगी। श्री कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा के गोपेश्वर चतुर्वेदी और विजय बहादुर ने बताया कि जन्मभूमि पर रात्रि 11.00 बजे से नवग्रह पूजन होगा। 11.35 बजे तक सहस्त्रर्चन (कमल पुष्प एवं तुलसी दल से) होगा।
11.59 बजे प्राकट्य दर्शन हेतु पट बंद होंगे। रात्रि 12.00 बजे प्राकट्य दर्शन होंगे। 12.10 बजे प्राकट्य आरती होगी। 12.15 बजे से 12.30 बजे तक जन्म महाभिषेक होगा। रात्रि 12.40 बजे से 12.50 बजे तक शृंगार आरती होगी और रात्रि 1.28 बजे से 1.30 बजे तक शयन आरती होगी। वहीं द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि मंदिर में तीन सितंबर को सुबह छह बजे पंचामृत के दर्शन होंगे।
ज्योतिषियों की मानें तो उदया तिथि अष्टमी एवं उदय कालिक रोहिणी नक्षत्र को मानने वाले वैष्णव जन 3 सितम्बर सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत पर्व मनाएंगे। भगवान कृष्ण की अनूठी छवि सभी का मन मोह लेती है। चाहें उनका माखनचोर रुप हो या फिर बृज के गोपाल और गोपियों के प्रिय कान्हा, उनका हर रूप लुभावना है। इस जन्माष्टमी यहां देखें भगवान कृष्ण की 5 तस्वीरें जो आपका मन मोह लेंगी।