समाजवादी सेक्युलर मोर्चा

कांधला रोड पर राष्ट्रीय एकता सम्मेलन नाम से आयोजित जनसभा में शुक्रवार को शिवपाल यादव ने कहा कि मैं सोचता था नेता जी (मुलायम सिंह) का अपमान न हो। मैंने अपने इकलौते बेटे की कसम खाई थी। दो साल इसीलिए उपेक्षा सही कि परिवार न टूटे पर बहुत होने पर सेक्यूलर मोर्चा गठित करने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहें है कि मोर्चा भाजपा के इशारे पर चल रहा है। मेरी भाजपा से कोई बात भी नहीं हुई है, जो यह अफवाह फैला रहे हैं वह डरे हुए हैं और मेरे रास्ते को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

शिवपाल सिंह यादव ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उनके पास मंत्री रहते हुए महत्वपूर्ण विभाग रहे, पर कभी मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा। फिर भी बर्खास्त किया गया। उन्होंने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम का तो उन्हें आशीर्वाद मिल गया है। अब सभी धर्मगुरुओं से भी मिलेंगे

भाजपा प्रत्याशी को वोट देने पर दी सफाई

शिवपाल यादव न सफाई दी कि राष्ट्रपति के चुनाव में किसी सपाई ने मुझसे वोट नहीं मांगा था। किसी कांग्रेसी ने भी वोट को नहीं कहा था, जबकि रामनाथ कोविन्द ने तीन तीन बार वोट मांगा और मैने डंके की चोट पर उन्हें वोट दिया था।

राज्यसभा के चुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष जी (अखिलेश यादव) के केवल फोन करने से ही मैंने सपा प्रत्याशी जया बच्चन को वोट दिया था।

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