कपूर परिवार का मशहूर आरके स्टूडियो पिछले साल भीषण आग की चपेट में आ गया था, जिसके बाद उसका एक बड़ा हिस्सा जलकर तबाह हो गया था। एक साल बाद कपूर परिवार ने इस स्टूडियो को बेचने का फैसला कर लिया है। आर के स्टूडियो बेचने को लेकर ऋषि कपूर और करीना कपूर के बाद अब रणधीर कपूर ने भी अपने दिल की बात कही है। क्वींट से बात करते हुए, रणधीर कपूर ने बताया कि, ‘आर के स्टूडियो बेचना उनके परिवार के लिए काफी दुख भरा है, लेकिन उनके लिए फिर से एक नया स्टूडियो बनाना भी आसान नहीं है। ट्रैफिक और सड़कों को देखते हुए कोई भी एक्टर यहां शूट के लिए आना नहीं चाहता, ऐसे में वो फिल्म सिटी जाना पसंद करते हैं। इसलिए दिल पर पत्थर रखते हुए, हमने इसे बेचने का फैसला लिया है। इस खबर से मेरा पूरा परिवार उदास है, लेकिन इसका कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’
उन्होंने आगे बताया कि साल 2017 में लगी आग के बाद स्टूडियो पूरी तरह से तबाह हो गया है। स्टूडियो के जलने से पैसों से ज्यादा इमोशन्स का घाटा हुआ है। हमने राज कपूर के सारी यादों को खो दिया है। राज कपूर ने जो कुछ बनाया है, वो सब जलकर खाक हो चुका है। वहीं, एक्टर ऋषि कपूर ने मुंबई मिरर से बात करते हुए बताया कि, ‘हमने अपने दिलों पर पत्थर रखे हैं। छाती पर पत्थर रखकर और सोच समझकर हमने ये फैसला लिया है।’
वहीं, आर के स्टूडियो बेचने पर करीना कपूर का कहना है कि, ‘राज कपूर द्वारा बनाए गए उस स्टूडियो से हमारी बहुत सारी यादें जुड़ी हैं। वहां की गलियों में हम बढ़े हुए हैं। हालांकि 4-5 दिन से मेरी तबियत ठीक नहीं थी तो इस बारे में मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं है। मैं पापा से चार-पांच दिन से मिली भी नहीं हूं। लेकिन मुझे लगता है परिवार ने जो भी फैसला किया होगा सोच समझकर ही किया होगा। अब यह मेरे पिता और उनके भाइयों पर है। अगर उन्होंने यही तय किया है तो यही सही’।
बता दें कि आरके बैनर के तहत बनी फिल्मों में ‘आग’, ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘श्री 420’, ‘जिस देश में गंगा बहती है’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बॉबी, ‘सत्यम शिव सुंदरम, ‘राम तेरी गंगा मैली आदि शामिल हैं। आरके बैनर के तले बनी आखिरी फिल्म ‘आ अब लौट चलें थीं’ जिसे ऋषि कपूर ने निर्देशित किया था। राजकपूर के 1988 में निधन के बाद उनके बड़े पुत्र रणधीर ने स्टूडियो का जिम्मा संभाला। बाद में राजकपूर के सबसे छोटे पुत्र राजीव कपूर ने ‘प्रेम ग्रंथ का निर्देशन किया।