उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी,

उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी,

स्कूली शिक्षा के बाद अब उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की बारी है। प्रदेश सरकार निजी विश्वविद्यालयों पर लगाम लगाएगी। न तो ये फीस में मनमानी कर सकेंगे और न ही दाखिले व डिग्री देने में हेराफेरी हो सकेगी। सरकार जल्द ही प्राइवेट यूनिवर्सिटी कमीशन गठित करने की तैयारी में है।

निजी विश्वविद्यालय प्रशासन अब मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। एकबार पाठ्यक्रम की जो भी फीस तय कर दी जाएगी, उसे पढ़ाई के दौरान बढ़ाया नहीं जा सकेगा। फीस बढ़ाने से पहले आयोग से अनुमति लेने पड़ेगी। निजी विश्वविद्यालयों के लिए नियमावली बनाने को गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सौंप दी है। आगामी पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस पर इस कमीशन की घोषणा किए जाने की भी उम्मीद जताई जा रही है। इस कमीशन से एक ओर जहां निजी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले छात्रों के हितों को सुरक्षित किया जा सकेगा, वहीं इनमें मार्कशीट व डिग्री बांटने में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम भी लग सकेगा।

इन बदलावों की तैयारी 
-प्राइवेट यूनिवर्सिटी कमीशन : कमीशन के माध्यम से निजी विश्वविद्यालयों पर नजर रखी जाएगी। यहां दाखिला लेने वाले हर छात्र का ब्योरा कमीशन को उपलब्ध कराया जाएगा।

-कुलाधिपति की जगह लेंगे अध्यक्ष : राज्य विश्वविद्यालयों की भांति निजी विश्वविद्यालयों में भी अभी तक कुलाधिपति (चांसलर) हुआ करते थे। राज्य विश्वविद्यालयों में यह पद राज्यपाल के पास होता है। ऐसे में निजी विश्वविद्यालयों में अब कुलाधिपति (चांसलर) की व्यवस्था ही खत्म होने जा रही है। यहां कुलाधिपति के स्थान पर अध्यक्ष कहे जाने का प्रस्ताव रखा गया है।

राज्य से ज्यादा हैं निजी विश्वविद्यालय 
प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में करीब 29 निजी विश्वविद्यालय प्रदेशभर में हैं। वहीं, राज्य विश्वविद्यालयों की संख्या करीब 16 है।

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