प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईआरसीटीसी होटल आवंटन धनशोधन मामले में शुक्रवार को राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के साथ अन्य के खिलाफ पहला आरोप-पत्र दायर किया।
धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत विशेष अदालत के समक्ष दायर किए गए आरोप पत्र में ईडी ने प्रसाद के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद के नेता पी.सी. गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, लारा प्रोजेक्ट्स नाम की एक कंपनी और 10 अन्य को नामजद किया है। ईडी का आरोप है कि पुरी और रांची स्थित रेलवे के दो होटलों के अधिकारों के सब-लीज कोचर के स्वामित्व वाली मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में प्रसाद और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया।
लीज के बदले जमीन
होटल के सब-लीज के बदले पटना के एक प्रमुख स्थान की 358 डिसमिल जमीन फरवरी 2005 में मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (राजद सांसद पी.सी. गुप्ता के परिवार के स्वामित्व वाली) को दे दी गई थी। उस वक्त के सर्किल दरों से काफी कम दर पर यह जमीन कंपनी को दी गई थी। ईडी ने आरोप-पत्र में कहा है कि काफी महंगी जमीन से लैस वह कंपनी धीरे-धीरे राबड़ी देवी और तेजस्वी को हस्तांतरित कर दी गई। बहुत ही मामूली कीमत पर शेयर खरीद कर ऐसा किया गया।
151 कंपनियों के जरिए धनशोधन
एजेंसी ने कहा, जमीन हासिल करने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि संदिग्ध स्रोत से आई थी और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस कंपनी लिमिटेड नाम की एक एनबीएफसी का इस्तेमाल करके पीसी गुप्ता से जुड़ी 151 कंपनियों के जरिए धनशोधन किया गया था। राबड़ी-तेजस्वी ने मिट्टी के मोल लिए शेयर : इसके बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी ने उचित बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के शेयर खरीदे थे। आरोप-पत्र के मुताबिक, यह गौर करने लायक है कि राबड़ी देवी की ओर से शेयरों की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए धन सवालों के घेरे में हैं। तेजस्वी ने जिनसे शेयर खरीदे, उस व्यक्ति ने वह शेयर अपने पास होने से इनकार किया है।
अब तक 44 करोड़ जब्त
ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में अब तक 44 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है। सीबीआई ने भी कुछ समय पहले इस मामले में एक आरोप-पत्र दायर किया था। ईडी ने इसे ही अपना आधार बनाया है।