गैंगरेप पीड़िता ने घर में फांसी लगाकर दी जान

गैंगरेप पीड़िता ने घर में फांसी लगाकर दी जान

गैंगरेप से आहत पीड़ित किशोरी ने फंदा लगाकर जान दे दी। किशोरी की मौत से बदायूं से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया। आईजी जोन बरेली व एसएसपी ने घटनास्थल का मौका मुआयना कर पुलिस को तफ्तीश के निर्देश दिए। किशोरी की मौत के बाद उसके शव का तीन डॉक्टरों के पैनल व वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद पुलिस की निगरानी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक 20-21 अगस्त की दरमियानी रात मूसाझाग थाना क्षेत्र के एक गांव के बाहर बने सरकारी प्रइमरी स्कूल में गैंगरेप की वारदात घटित हुई। थाना पुलिस ने घटना के छह घंटे बाद एसपी सिटी के निर्देश पर पीड़ित परिवार की तहरीर पर गांव के ही लंकुश व दो अज्ञात के खिलाफ पॉक्सो एक्ट व गैंगरेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामला संगीन होने के चलते पुलिस ने लंकुश को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था।
22 अगस्त को एसएसपी अशोक कुमार शर्मा ने बयान जारी कर घटना में नया मोड़ दिया। बयान में किशोरी से गैंगरेप की पुष्टि को नकार दिया था। साथ ही किशोरी व आरोपी के बीच संबंध होने की बात कही। पुलिस ने मोबाइल रिकार्ड के आधार पर एक महीने में 122 बार बातचीत का दावा किया था।
गुरुवार 23 अगस्त की सुबह गैंगरेप पीड़िता किशोरी ने अपने ही कमरे में लोहे के कुंडे में फांसी का फंदा गले में लगाकर आत्महत्या कर ली। किशोरी की मौत से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। दोपहर को आईजी जोन बरेली ध्रुवकांत ने एसएसपी के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। इसके बाद आईजी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे जहां उन्होंने मृतक किशोरी के मां व भाई से बातचीत के बाद ढांढस बंधाया । कहा, कोई भी आरोपी बच नहीं सकता, पुलिस हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है।
इधर मृतक किशोरी के भाई ने आरोपियों पर धमकाने और फैसले के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। कहा, बुधवार को मेडिकल के लिए अस्पताल आने के बाद आरोपी पक्ष के लोगों ने उसको घेरकर फैसले व 50 हजार रुपये में समझौता करने का दबाव बनाया। ऐसा न करने पर हत्या करने की धमकी दी। इधर पुलिस शेष दो फरार आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।

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