वर्ष 2007 में लखनऊ सिविल कोर्ट परिसर में हुए बम ब्लास्ट के मामले में जेल की विशेष अदालत ने गुरुवार को अभियुक्त तारिक काजमी व मोहम्मद अख्तर को दोषी करार दिया। विशेष जज बबिता रानी ने इन दोनों अभियुक्तों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख नियत की हैं। इस मामले के एक अभियुक्त खालिद मुजाहिद की मौत हो चुकी है। जबकि एक अभियुक्त सज्जादुर्ररहमान डिस्चार्ज हो चुका है।
सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक अभियुक्तों के खिलाफ देश द्रोह, आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा विधि विरुद्व क्रिया कलाप निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था। विशेष अदालत ने अभियुक्तों को इन सभी आरोपों में दोषी करार दिया है। अभियोजन की ओर से विचारण के दौरान कुल 44 गवाह पेश किए गए थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह पेश हुए।
23 नवंबर, 2007 को लखनऊ सिविल कोर्ट परिसर में हुए बम ब्लास्ट के इस मामले में थाना वजीरगंज में एफआईआर दर्ज हुई थी। विवेचना में इन सभी अभियुक्तों का नाम प्रकाश में आया था। अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 115, 120बी, 121, 122, 307 व विस्फोटक पदार्थ तथा विधि विरुद्व क्रिया कलाप निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था।