तमिलनाडु के मुल्लापेरियार बांध का पानी अचानक छोड़ने के चलते आई बाढ़

तमिलनाडु के मुल्लापेरियार बांध का पानी अचानक छोड़ने के चलते आई बाढ़

केरल सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्य में आई बाढ़ के लिए तमिलनाडु भी जिम्मेदार है। केरल सरकार ने कहा कि तमिलनाडु की ओर से मुल्लापेरियार बांध से अचानक पानी छोड़ा जाना राज्य में बाढ़ आने का एक प्रमुख कारण बना। केरल सरकार ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि इस बाढ़ से केरल की कुल करीब 3.48 करोड़ की आबादी में से 54 लाख से अधिक लोग बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित हुए हैं।

राज्य सरकार ने कहा है कि उसके इंजीनियरों द्वारा पहले से सचेत किए जाने के कारण राज्य के जल संसाधन सचिव ने तमिलनाडु सरकार में अपने समकक्ष और मुल्लापेरियार बांध की निगरानी समिति को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि जलाशय के जलस्तर को अपने अधिकतम स्तर पर पहुंचने का इंतजार किए बगैर ही इससे पानी छोड़ने की प्रक्रिया नियंत्रित की जाए।

हलफनामे में कहा गया है, तदनुसार, तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया गया कि 139 फुट तक धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाए परंतु बार बार अनुरोध के बावजूद तमिलनाडु सरकार से इस बारे में कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला। परंतु अचानक ही मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़े जाने ने हमें इडुक्की जलाशय से अधिक पानी छोड़ने के लिए बाध्य किया जो इस बाढ़ का एक प्रमुख कारण है।

केरल के इडुक्की जिले में थेकडी के पास पश्चिम घाट पर पेरियार नदी पर मुल्लापेरियार बांध स्थित है। राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी समिति की कमान केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष को सौंपी जाए और दोनों राज्यों के सचिवों को इसका सदस्य बनाया जाए। इस समिति को बाढ़ अथवा ऐसे ही किसी संकट के समय बहुमत से निर्णय लेने का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए।

केरल सरकार ने मुल्लापेरियार बांध के रोजाना के संचालन के प्रबंधन के लिए भी एक प्रबंध समिति गठित करने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के 18 अगस्त के निर्देशानुसार इस मामले में यह हलफनामा दाखिल किया है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up