केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य से संबंधित एक नीति का मसौदा तैयार किया है जिसमें सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य जेनेटिक स्क्रीनिंग का प्रस्ताव है ताकि थैलेसेमिया और एनीमिया जैसे आनुवांशिक विकारों से बचाया जा सके और ऐसे रोगियों की व्यापक देखभाल की आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा सकें।
इस नीति में गरीब मरीजों के लिए ल्यूकोसाइट फिल्टर और अन्य दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराये जाने की भी वकालत की गयी है। मसौदा नीति में ‘मेक इन इंडिया की तर्ज पर देश में उपकरणों और रसायनों के उत्पादन को बढ़ावा देने की भी वकालत की है।
”पॉलिसी फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथीज- थैलेसेमिया, सिकल सेल डिसीज और वेरियंट हीमोग्लोबिन इन इंडिया शीर्षक वाली मसौदा नीति को स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला गया है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी पक्षों से 30 अगस्त तक टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किये हैं।