कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के निचले तबके के लोगों को सुरक्षित नहीं कर पाने और नई नौकरी की समस्या को मानने से इनकार का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच संतुलन बनाए रखना यह भारत की विदेश नीति का अहम लक्ष्य होना चाहिए।
जर्मनी के हेमबर्ग में ब्यूकेरियस समर स्कूल में कांग्रेस अध्यक्ष ने घरेलू मुद्दों से जुड़े आर्थिक और सामाजिक कई तरह के सवाल लिए और विदेश नीति पर अपना व्यापक नजरिया रखा जो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में जीवंत हो सकता है।
उन्होंने कहा- “भारत का अमेरिका के साथ गहरा संबंध रहा है। लेकिन, चीन काफी तेजी के साथ उभर रहा है और हमें अपनी स्थिति में बैलेंस लाने की जरूरत है। मैं ऐसा मानता हूं कि कुछ निश्चित मान्यताएं भारत टेबल पर लाया है। इसलिए, भारत और यूरोप की भूमिका संतुलित और व्यापक होंगे।”
उन्होंने आगे कहा- “हम चीन के मुकाबले में अमेरिका के नजदीक हैं। हमारे एक नेता से पूछा गया कि आपका झुकाव किस तरह हैं- लेफ्ट या राइट? उसने जवाब दिया- नहीं, हम सीधे खड़े हैं। मैं ऐसा मानता हूं कि यही हमारा सबसे अच्छा स्टैंड होना चाहिए।”
घरेलू मुद्दों पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि कुछ लोगों को भारत की विकास गाथा से अलग छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा- “ऐसा मानना था कि भारत को सरकार की मदद से सभी को साथ लेकर बदलना चाहिए। आखिरी सरकार को छोड़कर सभी सरकार ने इसका पालन किया है। वे ऐसा नहीं मानते हैं कि सभी लोगों को फायदा मिले। दलित, अल्पसंख्यकों को वह फायदा नहीं मिले जो अमीरों को मिलते हैं।”