आबादी को लेकर एक स्टडी से जो बातें निकलकर सामने आई है वह भारत के लिए चौंकानेवाली है। 2030 के मध्य तक भारत की आबादी चीन के मुकाबले 8 फीसदी ज्यादा हो जाएगी जबकि 2050 के मध्य तक चीन की तुलना में यह बढ़कर 52 फीसदी हो जाएगी। वाशिंगटन की एक गैर सरकारी संस्था पॉपुलेशन रेफरेंस ब्यूरो (पीआरबी) की ओर से जारी किए गए 2021 वर्ल्ड पॉपुलेशन डाटा में यह बात बताई गई है।
पीआरबी के आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि इस वक्त भारत और चीन की आबादी 137 और 139 करोड़ है।
हालांकि, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत की जनसंख्या 2030 तक बढ़कर 153 करोड़ और 2050 के मध्य तक यह 168 करोड़ हो जाएगी। जबकि, चीन को लेकर ऐसा माना जा रही है कि उसकी आबादी 2030 तक 142 करोड़ और उसके बाद 2050 तक घटकर 1.34 करोड़ पर आ जाएगी।
आबादी के लिहाज से भारत, चीन को पीछे छोड़ देगा। इसका यह मतलब नहीं कि इसमें किसी तरह का कोई डेमोग्राफिक ट्रांजिशन नहीं हो रहा है।
डेमोग्राफिक ट्रांजिशन वह प्रक्रिया है जिसमें एक देश की मौत और जन्म दर में आर्थिक वृद्धि के साथ गिरावट आती है। लेकिन, क्योंकि जन्मदर की तुलना में मौत दर में पहले ही गिरावट आ चुकी है, इस लिहाज से आबादी तेजी से बढ़ने का यह शुरुआती चरण है।