सवाल: मुझे पहली जॉब, जो मैंने लगभग 9 वर्ष तक की, उससे ईपीएफ के लगभग 1 लाख रुपये प्राप्त हुए। अब मेरी सरकारी नौकरी लग गई है। क्या ये प्राप्त राशि कर योग्य है। जबकि मैं 1.5 लाख रुपये की कटौती का लाभ आयकर की धारा 80सी के तहत ले चुका हूं। – अमित गुप्ता
जवाब: आपने 5 साल से अधिक की लगातार जॉब की है, इसलिए ईपीएफ से प्राप्त राशि आयकर की धारा 10 के तहत पूर्णतया कर मुक्त है।
सवाल: मेरी पत्नी के नाम भारतीय स्टेट बैंक की अलीगढ़ ब्रांच में कुछ फिक्सड डिपॉजिट हैं, उनमें से एक लाख रुपये की डिपॉजिट का 35 माह पूरा होने पर जुलाई 2017 को नवीनीकरण रुपये 79,802 का किया गया। पूछने पर अधिकारियों ने बताया कि रुपये 20,198 टीडीएस कट गया है, जबकि फॉर्म 15एच जमा था। बैंक अधिकारियों ने बताया कि टेक्निकल कारण से कटौती की रकम आयकर विभाग में जमा कर दी गई है, इसलिए आयकर विवरणी जमा कर रिफण्ड प्राप्त करें। 29 जून 2021 को बैंक की ओर से दिए गए फॉर्म 16ए में कटौती की कई रकम 20,198 रुपये दर्ज नहीं था। 26 एएस में टीडीएस की रकम तो दर्ज है लेकिन भुगतान किए गए ब्याज की रकम रुपये 1,77,078 के बजाय रुपये 3,79,028 दर्ज है। पिछले दो माह से मैं अधिकारियों से अपनी टीडीएस की रिटर्न के संशोधन के लिए अनुरोध कर रहा हूं, लेकिन अभी तक नहीं हुआ। अब मैं अपनी आयकर विवरणी कैसे भरूं जिससे मुझे अपना रिफण्ड प्राप्त हो सके। -कृष्ष्ण कुमार गुप्ता, अलीगढ़
जवाब: आप अपने बैंक से एक सर्टिफिकेट लें जिसमें यह लिखा हो कि आपकी ब्याज आय कितनी है और उस पर आपका टीडीएस कितना काटा गया है। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर अपनी कर विवरणी जमा कर दिजिये। साथ ही बैंक अधिकारियों को बराबर अपनी टीडीएस विवरणी के संशोधन के लिए दवाब बनाए रखें। जब बैंक अधिकारी अपनी कर विवरणी में संशोधन का कार्य पूरा कर देंगे तो फिर आपके फॉर्म 26 एएस में ठीक राशि ही दिखाई देगी। यदि आपने अपनी आयकर विवरणी को जमा करने में देरी की तो फिर आपको देरी से जमा करने का रुपये 5000 जुर्माना देना पड़ेगा। इसलिए बिना विलंब के उसे जमा करा दें।