बेहद तीखे व्यापार युद्ध के बाद चीन और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता शुरू होने से भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजार शुक्रवार को खिले। पारसी नववर्ष नवरोज के अवसर पर मुंबई में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार और मुद्रा बाजार बंद रहे। हालांकि ओवरसीज बाजारों में रुपया थोड़ा संभला और 70.10 के स्तर पर रहा।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वार्ता सफल रहती है तो रुपया और संभल सकता है, जो इस साल अब तक नौ फीसदी टूट चुका है। आरबीआई का हस्तक्षेप भी रुपये को संभाल नहीं पा रहा है। गुरुवार को रुपया 70.40 डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर रहा। तुर्की की मुद्रा भी थोड़ी सुधरी है।
गौरतलब है कि अमेरिका और चीन एक दूसरे पर 50 अरब डॉलर के उत्पादों पर आयात शुल्क लगा चुके हैं। इससे दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। ऐसे में दोनों ही पक्षों ने नरमी के संकेत दिए हैं। इंटरनेशनल फाइनेंस इंस्टीट्यूट के मुख्य अर्थशास्त्री रॉबिन ब्रुक्स ने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच बातचीत में चीनी मुद्रा युआन का अवमूल्यन मुख्य मुद्दा रहने के आसार हैं।
एशियाई मुद्राओं में युआन डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को 6.89 पर रही। डॉलर इस साल युआन के मुकाबले छह फीसदी मजबूत हुआ है। अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि चीन जानबूझकर युआन को कमजोर होने दे रहा है ताकि निर्यात में फायदा उठाया जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद कहा है कि युआन को कमजोर कर निर्यात में आगे रहा चीन फायदा उठा रहे हैं। हालांकि एशियाई देशों से आयात में चीन को इसका नुकसान भी हो रहा है। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय मामलों के अवर सचिव डेविड मैलपॉस चीनी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करेंगे।