रेलवे से जुड़ी निजी कंपनियां कर्मचारियों के न्यूनतम मानदेय में कैंची नहीं चला सकेंगी। रेल मंत्रालय ने ठेके पर कार्यरत कर्मियों के लिए लेबर पेमेंट मैनेजमेंट पोर्टल (एलपीएमपी) तैयार किया है।
रेलमंत्री पीयूष गोयल आगामी 31 अगस्त को इस पोर्टल की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसका मकसद कर्मचारियों का होने वाले शोषण पर अंकुश लगाना है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्माण, मरम्मत, खानपान सेवा, ट्रेन- स्टेशन पर ऑनबोर्ड हाउस कीपिंग, संरक्षा आदि क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक लोग ठेके पर नौकरी-काम कर रहे हैं। इन कर्मचरियों के शोषण को लेकर शिकायतें मिलती रहती है।
इसमें न्यूनतम वेतन से कम पैसा देने की शिकायत आम है। निजी कंपनियों-ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों के शोषण की रोकथाम के लिए नया पोर्टल तैयार किया है। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) ने कंट्रैक्ट लेबरर पेमेंट मैनेजमेंट पोर्टल तैयार कर लिया है। रेलमंत्री इस माह के अंत में (31 अगस्त) इसकी शुरुआत करेंगे। इसके बाद निजी कंपनी-ठेकेदार अपने कर्मचारियों को भुगतान इस पोर्टल के माध्यम से करेंगे।
कर्मियों की समस्त जानकारी इस पोर्टल पर डालनी होगी। डिवीजन स्तर पर मैनेजर व सुपरवाइजर पोर्टल के माध्यम से वेतन के भुगतान पर नजर रखेंगे। जोनल स्तर पर एक नोडल अफसर तैनात किया जाएगा। यह व्यवस्था सभी 17 जोनल रेलवे में 31 अगस्त के बाद लागू हो जाएगी। रेलवे की कोच-वैगन-लोको फैक्टरियों व कारखानों में इसको लागू किया जाएगा। ठेका कर्मियों का शोषण अथवा नियमों का उल्लंघन करने पर मंत्रालय ठेकेदार-कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर देगा।