दिल्ली के नेहरू विहार में बने नियमों को दबाव में आकर बने नियम कहकर छात्र फिर आंदोलन की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि हमें सुरक्षा चाहिए और किराए में भी कमी आए। ऐसी तमाम मांगों को लेकर सोमवार को छात्र कोचिंग संस्थान संचालकों से मिले। वहीं, माहौल देखते हुए वर्द्धमान कॉम्प्लेक्स में चलने वाली ज्यादातर कोचिंग 16 अगस्त तक बंद कर दी गई हैं।
छात्रों ने कहा कि कोचिंग संस्थान या तो मध्यस्थता करें या दूसरी जगह शिफ्ट हों। इलाके में घटनाक्रम के तीसरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। नेहरू विहार छात्र संगठन के विजय मिश्रा ने कहा कि हम कोचिंग संस्थानों से सामने आने को कह रहे हैं। शनिवार रात बैठक करके जो नियम बने, वे दबाव में बने थे। किराया कम करने, हर तीन माह में ब्रोकर्स को दलाली की व्यवस्था हटाने, सुरक्षा बढ़ाने, पार्कों और इलाके का माहौल सुधारने मुद्दे सामने हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि कोचिंग संस्थान मुद्दों पर बात कर हमें समय दे या वे कहीं और कोचिंग शिफ्ट करें। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो छात्र आने वाले समय में शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे। युवा लेखक नीलोत्पल मृणाल ने कहा कि छात्र दंगा फसाद नहीं चाहते हैं। हम लोकतांत्रिक तरीके से कोचिंग संस्थानों को यहां से हटाने की मांग करेंगे। आने वाले 24 घंटे में हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करेंगे।
छात्रों से ही इलाके में रौनक
नेहरू विहार में वर्द्धमान प्लाजा की विशाल इमारत में आईएएस के चार बड़े कोचिंग संस्थान दृष्टि, जीएस वर्ल्ड, एएलएस, ओजांक आईएएस के अलावा कई छोटे-छोटे कोचिंग संस्थान हैं। इनमें पढ़ने वाले हजारों छात्रों से इलाके में रौनक रहती है। वर्द्धमान प्लाजा के ठीक सामने नेहरू विहार की कॉलोनी में तीन से चार मंजिल के छोटे-छोटे कमरों में ये छात्र रह रहे हैं। 25, 35 और 50 गज के इन कमरों में तकरीबन चार हजार छात्राएं और 12 हजार छात्र रहते हैं।
किराया आसमान छू रहा
इस इलाके में 25 गज के कमरों का किराया 9000, 35 गज का 13 हजार और 50 गज का 15 से 16 हजार है। कहने को कॉलोनी में कई पार्क हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर की हालत बदतर है। इलाके में आवारा पशुओं का भी आतंक है। सुविधा के नाम पर यहां खाने-पीने के कई ठिकाने हैं, लेकिन छात्रों का कहना है कि इसमें स्वाद या पौष्टिकता जैसा कुछ नहीं मिलता। यहां रहने वाले छात्र मोहित सैनी कहते हैं कि यहां किराये के अलावा ब्रोकरी के तौर पर छात्रों को लूट लिया जाता है। मकान मालिक एक बार किराये पर देकर निश्चिंत हो जाते हैं। अगर मोटर भी खराब हुई तो वह भी हमें ही सुधरवानी होती है।
यहां रहना किसी कैद से कम नहीं
नेहरू विहार में रहने वाले सुधांशु कहते हैं कि बिजली बिल की दरें भी हमारे लिए ज्यादा हैं। वहीं, एक अन्य छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां कोई घटना होने पर पुलिस भी स्थानीय लोगों का साथ देती है। हम यहां जिन हालातों में रह रहे हैं, वे किसी कैद से कम नहीं हैं।
मकान मालिक इलाकों में सीसीटीवी बढ़ाने को तैयार
छात्रों के कोचिंग संस्थानों से जगह बदलने की मांग के बाद इलाके के ब्रोकर्स और मकान मालिक उनकी शर्तें मानने को तैयार दिख रहे हैं। इलाके के प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव सहगल ने कहा कि हम इलाके में 40 और सीसीटीवी लगाएंगे। साथ ही छात्रहित में इलाके के चप्पे-चप्पे में नए नियमों की होर्डिंग्स भी लगाएंगे।
इलाके के रजिस्टर्ड 43 प्रॉपर्टी डीलर्स की सूची भी जारी की जा रही है। राजीव सहगल ने कहा कि छात्रों के लिए यहां और अच्छा माहौल बनाने की तैयारी है। अब हर प्रॉपर्टी डीलर अपने यहां दो या दो से ज्यादा कैमरे लगाएगा। किसी भी तरह की शिकायत होने पर छात्र होर्डिंग्स में दिए गए आरडब्ल्यूए और प्रॉपर्टी डीलर्स संगठन को फोन कर सकेंगे। मकान मालिक भी इस कदम से सहमत हैं।
मकान मालिकों की प्रतिक्रिया
मकान मालिक रतन का कहना है कि हर बच्चे की शिकायत पर तुरंत हम उनकी बात सुनते हैं। अभी जैसा माहौल है, वैसा पहले कभी नहीं रहा।
आदर्श नाम के मकान मालिक का कहना है कि 1987 से यहां रह रहा हूं। कभी इस तरह का मामला सामने नहीं आया। हमारे घरों में अगर बच्चे रहते हैं तो हमें एक-दूसरे की बात को समझना होगा।