वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन की शिकायतों पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का कहना है कि यह नीतिगत दखल का मामला हो सकता है, लेकिन उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
आयोग ने सौदे को मंजूरी देते हुए कहा कि इससे बाजार की प्रतिस्पर्धा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अपने 12 पन्नों के विस्तृत जवाब में आयोग ने कहा है कि सामान बेचने में फ्लिपकार्ट द्वारा उत्पादों पर भारी रियायत दिए जाने का मामला केवल इसी सौदे से जुड़ा नहीं है।
आयोग ने यह भी कहा है कि प्रतिस्पर्धा कानून के तहत प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौतों और बाजार में अपनी एकाधिकार वाली स्थिति का दुरुपयोग करने संबंधी प्रावधानों के तहत नियामक पर मुद्दों की जांच को लेकर कोई रोक नहीं है।