गजब! पति-पत्नी के बीच हुआ विवाद,

गजब! पति-पत्नी के बीच हुआ विवाद,

निगोहां के रामदासपुर गांव में शराब पीने को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। पत्नी ने मामले की शिकायत पुलिस से की जिसकी जांच सिपाही राजेश पाण्डेय को दी गई। सिपाही ने मामला सुलझाने के बजाए थाने में पंचायत लगाकर एक सादे कागज पर लिखापढ़ी करके दंपति का तलाक करा दिया। दहेज का सामान वापस लेने के बाद महिला अपने तीन साल के बेटे व दुधमुंही बच्ची को छोड़कर मायके चली गई।

मामला निगोहां के रामदासपुर गांव का है। यहां रहने वाले मजदूर मनोज का विवाह चार वर्ष पूर्व नगराम में रहने वाले किसान शत्रोहन की बेटी रोशनी से हुआ था। शादी के बाद दोनों का रिश्ता अच्छे से चला। दंपति का तीन साल का बेटा आदर्श व आठ माह की बेटी सावनी है। पति मनोज के अनुसार बीते सोमवार की देर शाम वह भंवरेश्वर मंदिर मेले से शराब पीकर घर पहुंचा तो पत्नी रोशनी ने उसके शराब पीने का विरोध करते हुए उसे घर में घुसने से मना कर दिया। इसे लेकर शुरू हुई कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई जिसके बाद मनोज ने घर के बाहर रात गुजारी। दूसरे दिन सुबह रोशनी ने अपने मायके वालों को बुला लिया और फिर उनके साथ निगोहां थाने में पति के खिलाफ तहरीर देकर मायके चली गई।

थाने में तीन घंटे चली पंचायत
मामले की जांच सिपाही राजेश पाण्डेय को दी गई। सिपाही ने गुरुवार सुबह दोनों पक्षों को थाने बुलाया। दोनों पक्षों की तरफ से 15 से 20 लोग इक्ट्ठा हुए और फिर सिपाही के कहने पर थाने के सामने लगभग तीन घंटे पंचायत चली। सिपाही के हस्तक्षेप के बाद एक सादे कागज में लिखापढ़ी करके दंपति का सम्बन्ध विछेद हो गया। इसके तहत दहेज में लिया गया समान भी वापस करा दिया गया। इस दौरान रोशनी ने बेटे व दुधमुंही बच्ची को अपने पास रखने से मना कर दिया और उन्हें पति के पास छोड़कर मायके चली गई। सिपाही राजेश ने थाने पर सूचना दी कि रिश्ता नहीं बन पाता इसलिए सम्बंध विच्छेद कराना पड़ा।

जबरन कराया तलाक
पंचायत में जुटे बुजुर्गों का कहना है कि मनोज और रोशनी के बीच मामूली विवाद हुआ था। इसे समझा-बुझाकर निपटाया जा सकता था। लेकिन, सिपाही ने अड़ियल रवैया अपनाते हुए पति-पत्नी के रिश्ते को खत्म करा दिया।

सुर्खियों में रहता है सिपाही
सिपाही राजेश पाण्डेय आये दिन सुर्खियों में रहता है। पिछले दिनों इसी सिपाही ने एक किसान के घर में घुसकर महिलाओं को पीटकर जमकर उत्पात मचाया था। जिसके बाद तत्कालीन सीओ ने जांच के आदेश दिए थे। पर, सिपाही ने अपने रसूख के चलते मामले को दबवा लिया।

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