केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक कानून के खिलाफ बुधवार को मुस्लिम महिलाओं ने भागलपुर में मौन जुलूस निकाला। महिलाओं के साथ उनके बच्चे और पति भी शामिल थे। जुलूस में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे थे। मौन जुलूस में शामिल महिलाओं ने कहा कि यह बिल इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। इसलिए वह इसका विरोध कर रही हैं। उनका कहना था कि बिल उनके निजी जिंदगी में दखल दे रहा है। जहां भी मुस्लिम महिलाएं हैं, वह इसका विरोध कर रही हैं।
जुलूस शहर के तीन केंद्रों से निकलकर मुस्लिम हाईस्कूल में इकट्ठा हुआ, जहां से रैली कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां महिलाओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। महिलाएं अपने हाथों में तख्तियां लेकर पहुंची थीं, जिसमें तीन तलाक कानून के विरोध में नारे लिखे थे। सभी लोग राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी विरोध कर रहे थे। महिलाओं का कहना था कि केंद्र सरकार का यह कानून इस्लामी शरीयत के खिलाफ है, इसलिए वह इसका विरोध कर रही हैं। इस जुलूस के लिए पिछले हफ्ते भर से तैयारी चल रही थी।
हाथों में तिरंगा लेकर पहुंचे थे लोग
तीन तलाक कानून का विरोध करने कई लोग हाथों में तिरंगा लेकर पहुंचे थे। पूरे शहर में तिरंगा को लहराया जा रहा था। तख्तियों में यह भी लिखा था कि भारत एक धर्मनिर्पेक्ष देश है, इसे खंडित करने की कोशिश की जा रही है। तिरंगा लहराने वाले लोग भीड़ में आकर्षण का केंद्र बने हुए थे।
बिल लाने पर प्रधानमंत्री का किया विरोध
मुस्लिम हाईस्कूल की मस्जिद से तकरीरें भी हुईं। मौलाना इलियास ने कहा कि यह कानून इस्लाम के खिलाफ है। जो हमारा शरीयत है उसे ही हम मानेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस शरीयत में दखल अंदाजी न करें। उन्होंने कहा कि शरीयत में जो हुक्म है उससे बड़ा हमारे लिए कुछ नहीं है। यह कैसे हो सकता है कि तीन तलाक के बाद पुरुष जेल चले जाएं और वहां से बीवियों को खर्चा-पानी भी दें।