प्रोबायोटिक का अत्याधिक इस्तेमाल मानसिक बीमारियों का बनता है कारण

प्रोबायोटिक का अत्याधिक इस्तेमाल मानसिक बीमारियों का बनता है कारण

प्रोबायोटिक का अधिक इस्तेमाल अस्पष्टता और आत्मविस्मृति जैसी कई मानसिक बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके साथ ही ये तेजी से पेट को फुला देता है। इसलिए भारतीय मूल के वैज्ञानिक सहित कुछ वैज्ञानिकों ने बिना डॉक्टर के परामर्श के प्रोबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है।

प्रोबायोटिक क्या होते हैं
प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया और यीस्ट होते हैं, जो आपके पाचन में सहायक होते हैं। आमतौर पर लोग बैक्टीरिया नाम से बीमारी फैलाने वाले जिवाणु समझते हैं, लेकिन हमारे शरीर में अच्छे और बुरे दोनों तरह के जिवाणु होते हैं। आजकल प्रोबायोटिक सप्लीमेंट भी बाजार में उपलब्ध हैं।

कैसे किया गया अध्ययन
ऑगस्टा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह शोध 30 मरीजों पर किया और उन्होंने पाया कि 22 मरीजों में भ्रम की स्थिति और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्या आई। इसके साथ ही प्रोबायोटिक ले रहे सभी लोगों में गैस और पेट फूलने की समस्या पायी गई। प्रमुख शोधकर्ता भारतीय मूल के सतीश एस सी राव ने बताया कि हमें मरीज की छोटी आंत में बैक्टीरिया का एक बड़ा समूह देखने को मिला।

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