गाजियाबाद में मंगलवार को मानवता तार-तार करने वाली घटना हुई। एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण दर्द से तड़पती महिला को उसका पति रिक्शे पर लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचा। रिक्शे के पावदान पर पड़ी महिला दर्द से तड़पती रही, लेकिन गाजियाबाद के दोनों बड़े सरकारी अस्पतालों में उसे दर्द का इंजेक्शन तक नहीं लगाया गया।
डॉक्टरों ने महिला को एंबुलेंस से किसी बड़े सरकारी अस्पताल के लिए रेफर नहीं किया। असहाय पति अपनी बीमार पत्नी को रिक्शे से ही 14 किलोमीटर दूर जीटीबी अस्पताल ले गया।
जिला महिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे गाजियाबाद के बहरामपुर निवासी सुंदर अपनी पत्नी प्रीति को गंभीर हालत में रिक्शे पर लेकर पहुंचे। प्रीति के पेट में तेज दर्द हो रहा था। सुंदर ने रिक्शा चालक की मदद से अपनी पत्नी को नीचे उतारा। यहां से उसे एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी के लिए रेफर कर दिया गया। वॉर्ड ब्वॉय न मिलने से महिला का पति खुद ही उसे स्ट्रेचर पर लेकर इमरजेंसी तक गया।
एमएमजी अस्पताल में महिला को दर्द निवारक इंजेक्शन लगाया गया। यहां से उसको एमएमजी के सर्जन के पास भेजा, ऑपरेशन थिएटर में होने से सर्जन भी नहीं मिले। एंबुलेंस मांगी लेकिन नहीं मिली तो रिक्शे पर जीटीबी ले गया।