अक्सर मन में सवाल आता है कि देश की सबसे संपन्न आबादी किन इलाकों में रहती है? इस सवाल के जवाब के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि देश के छह महानगरीय क्षेत्र में देश की एक चौथाई संपन्न आबादी निवास करती है। इनमें से भी 11 फीसदी अकेले दिल्ली-एनसीआर में निवास करती है, यानी संख्या के आधार पर देशभर में सबसे अधिक।
एएफएचएस की ओर से छह लाख से अधिक घरों पर किए गए सर्वे के मुताबिक देश के छह महानगरीय क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर, मुंबई-पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और बेंगलुरु में देश की 25 फीसदी संपन्न आबादी रहती है। इन शहरों की देश की आबादी में हिस्सेदारी मात्र छठवां हिस्सा है।
इस 25 फीसदी में से भी 11 फीसदी संपन्न आबादी दिल्ली-एनसीआर में रहती है। पांच फीसदी के आंकड़े के साथ मुंबई-पुणे दूसरे स्थान पर है, इसमें ठाणे और रायगढ़ जिले भी शामिल है। वहीं कुल आबादी में अनुपात के लिहाज से चेन्नई पहले स्थान पर जहां 61.8 फीसदी आबादी संपन्न की श्रेणी में है। वहीं कुल आबादी में 54.67% संपन्न लोगों के साथ दिल्ली-एनसीआर दूसरे स्थान पर है।
संपन्नता का पैमाना
सर्वे के मुताबिक पक्का मकान, बिजली कनेक्शन, फोन (लैंडलाइन/मोबाइल), टेलीविजन, एसी/कूलर, रेफ्रीजिरेटर, वाशिंग मशीन और मोटर वाहन (मोटरसाइकिल/टैक्टर/ कार/ट्रक) में से जिसके पास कम से कम छह सामाना है, उन्हें संपन्न माना गया है। वहीं आठ में से केवल एक सामना होने पर गरीब माना गया है। शेष को मध्यम आय वाली श्रेणी में रखा गया है।
पश्चिम भारत संपन्न, जबकि पूरब में गरीब अधिक
आर्थिक विकास के मामले में पूरब भारत पश्चिमी भारत से पिछड़ा है, इसकी तसदीक यह सर्वे भी करता है। यहां तक कि संपन्नता सूची में शामिल कोलकाता में भी अन्य पांच महानगरीय क्षेत्रों के मुकाबले सबसे अधिक गरीब हैं।
महानगरीय क्षेत्र | कुल आबादी में अमीर | कुल आबादी में गरीब |
---|---|---|
दिल्ली-एनसीआर | 54.67% | 2.61% |
चेन्नई क्षेत्र | 61.80% | 0.22% |
बेंगलुरु | 50.93% | 0.73% |
मुंबई-पुणे | 41.34% | 2.08% |
हैदराबाद | 40.13% | 1.47% |
कोलकाता | 16.81% | 6.34% |
यूपी का श्रावस्ती सबसे गरीब
– 61 फीसदी श्रावस्ती की आबादी गरीब, देश के 640 जिलों में सबसे विपन्न
– 88 फीसदी जालंधर (पंजाब) जिले की आबादी अमीर, देश में सबसे अधिक अनुपात
– 93 फीसदी सिक्किम पश्चिम जिले की आबादी मध्यम आय श्रेणी में आती
संपन्नता में भी दिखा जातीय विभाजन
– 50 फीसदी सामान्य वर्ग के लोग (गैर मुस्लिम)संपन्न, केवल चार फीसदी गरीब की श्रेणी में
– एक चौथाई मुस्लिम और ओबीसी भी संपन्न, पर अधिकतर आबादी मध्यम आय समूह में
– 9 फीसदी ही अनुसूचित जनजाति के लोग संपन्न, सबसे अधिक गरीबी का अनुपात
शिक्षा का सीधा संबंध
– 50 फीसदी गैर मुस्लिम सामान्य वर्ग के परिवार में कम से कम एक व्यक्ति 12वीं पास
– 15 फीसदी अनुसूचित जनजाति परिवार ही ऐसे जिसमें उच्च माध्यमिक से अधिक शिक्षा हो