देवरिया आश्रय गृह पीड़िताओं का खुलासा

देवरिया आश्रय गृह पीड़िताओं का खुलासा

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की तरह यूपी के देवरिया में भी आश्रयगृह के अंदर लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया है। पुलिस ने 24 लड़कियों को छुड़ा लिया है पर
अभी भी 18 बालिकाओं का पता नहीं चल सका है। आश्रयगृह की संचालिका और उसके पति को जेल भेज दिया गया है। संस्था में काम करने वाले तीन अन्य लोग भी हिरासत में
लिए गए हैं।

लड़कियों को गोरखपुर- लखनऊ भेजा जाता था
एसडीएम सदर ने बंद कमरे में करीब चार घंटे तक बच्चियों के बयान दर्ज किए। मेडिकल के दौरान एक संवासिनी ने कहा कि लड़कियों को गोरखपुर और लखनऊ तक भेजा जाता था।
विरोध करने पर उन्हें पीटा जाता था। एक बच्ची ने बताया कि यहां पर लड़कियों का यौन शोषण किया जाता था। शाम को कई गाड़ियां यहां आती थीं और उसमें लड़कियों को दूसरी
जगह भेजा जाता था।

देवरिया के डीएम हटाए, पूर्व डीपीओ निलंबित : मामले का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया है। वहीं, देवरिया में
तैनात रहे जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) अभिषेक पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। दो अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। संस्था का पंजीकरण तीन साल पहले
रद्द हो चुका था।

रिपोर्ट तलब: मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी डीएम से नारी संरक्षण गृहों और बाल संरक्षण गृहों की रिपोर्ट तलब की है। उधर, मुक्त कराई गई संवासिनियों के बयान दर्ज किए गए हैं।
उनकी मेडिकल जांच के लिए बोर्ड का गठन कर दिया गया है।

भागकर आई बच्ची ने किया खुलासा :

रविवार को आश्रयगृह से भाग कर आई बिहार की बच्ची ने झाड़ू पोछा कराने का आरोप लगाया था। देवरिया के बालिका गृह में संवासिनियां और बच्चे बेहद अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे थे। उन्हें पानी जैसी दाल, कंकड़ मिले चावल और खराब आटे की रोटियां खिलाई जाती थीं। न खाने या विरोध करने पर पिटाई होती थी। मैले-कुचैले बिस्तरों पर सोने को मजबूर किया जाता था। बात-बात पर डांट-फटकार मामूली बात थी।

बालिका गृह से मुक्त कराई गई संवासिनियों ने मेडिकल के दौरान बातचीत में आपबीती सुनाई। 24 में से 21 ने खाने, बिस्तर और मारपीट की शिकायत की, जबकि तीन ने यौन शोषण का भी आरोप लगाया। हालांकि, उन्होंने अपने नहीं दूसरी लड़कियों के यौन शोषण की बात कही। इन आरोपों की किसी अधिकारी ने अभी तक पुष्टि नहीं की है।

सूखी रोटियां खाने पर मजबूर करते थे : एक संवासिनी ने कहा कि बालिका गृह में खाने का न कोई वक्त था न मेन्यू। कभी-कभी तो एक वक्त का खाना ही मिलता था। सूखी रोटियां गले से नीचे नहीं उतरती थीं। अच्छा खाना मांगने पर संचालिका व स्टाफ के लोग बाल खींचते थे। बुरी तरह पिटाई भी करते थे। एक अन्य संवासिनी ने कहा कि दाल के नाम पर दाल का पानी ही मिलता था। सड़ी हुई सब्जियां नमक में उबाल कर खिलाई जाती थीं।

एक संवासिनी ने कहा कि जानवर भी इतने गंदे बिस्तरों पर नहीं सो सकते, जैसे बिस्तरों पर हमें सुलाया जाता था। साफ बिस्तर मांगने पर भी पिटाई की जाती थी। एक अन्य संवासिनी ने कहा कि जमकर काम कराया जाता था लेकिन जरा देर आराम करने पर संचालिका के स्टाफ तुरंत उठा देते थे।

लड़कियों के साथ हुए घिनौने कृत्य व मानव तस्करी की सीबीआई जांच की मांग हो। संरक्षण गृह से देह व्यापार का कृत्य समाज को शर्मसार करने वाला है। नारी संरक्षण गृह संस्था के सभी सदस्यों को हिरासत में लेना चाहिए। –अनिल दुबे, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता 

देवरिया की घटना के मामले में सरकार गंभीर है। सरकार ने कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी और पूर्व डीपीओ को हटा दिया है। जिलाधिकारी से शिकायतें हो रही थीं लेकिन उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। -रीता बहुगुणा जोशी महिला कल्याण मंत्री

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