महाराष्ट्र के सांगली में एक आठ महीने की गर्भवती महिला के साथ आठ लोगों के बलात्कार की खबर सामने आने के बाद महाराष्ट्र महिला आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। यह वारदात मंगलवार की सुबह छह बजे उस वक्त हुई जब 20 वर्षीय महिला अपने पति के साथ तासगांव के तुरचि फाटा गई हुई थी।
तासगांव पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों ही कपल होटल व्यवसाय से जुड़े एक जोड़े को काम के लिए ढूंढ रहे थे। उनमें से एक अभियुक्त ने उस पीड़ित युवक को पहले कॉल कर तुरचि फाटा बुलाया था और उनसे कहा था कि एक कपल उनके साथ काम करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, एडवांस में बीस हजार रूपये लेकर भी आने को कहा था।
जैसे ही वे मौके पर पहुंचे, मने और उसके अन्य सहयोगियों ने उन पर हमला कर दिया। उन दोनों पति-पत्नी पर पाइप और छड़ी से हमला किया, पैसे और महिला के गहने छीन लिए। उसके बाद उन लोगों ने उस महिला के पति को बांधकर गाड़ी के अंदर लॉक कर दिया और उन लोगों ने महिला के साथ गैंगरेप किया। जबकि, महिला इस बात की गुहार लगाती रही कि उनकी हालत देखकर वे सभी उन्हें छोड़ दे।
उसके बाद हमलावरों ने उन जोड़े को पुलिस को बताने की धमकी देते हुए कहा कि वे सभी काफी ताकतवर हैं और उनकी कोई नहीं सुनेगा। बाद में पीड़ित पति-पत्नी ने तासगांव थाने में जाकर चार व्यक्ति मने, सागर, जावेद खान और विनोद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी। वारदात के करीब 48 घंटे के बाद भी पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपियों की सरगर्मी के साथ तलाश की जा रही है।
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन विजय रहात्कर ने सांगली के एसपी को लिखते हुए कहा कि वे इस केस में व्यक्तिगत तौर पर देखें और केस की विस्तृत रिपोर्ट दें। विपक्षी नेशनल कांग्रेस पार्टी नेता चित्रा वाघ ने इस घटना को मानवता पर धब्बा करार दिया और मुख्यमंत्री से पूछा कि कब महिला के खिलाफ ऐसे संगीन अपराध खत्म होंगे।